• The Rural Press की रिसर्च टीम का खुलासा
  • अकेले रायपुर के शराब ठेकों पर हर माह हो रही 21 करोड़ की अतिरिक्त उगाही

रायपुर। प्रदेश में 1 करोड़ लोगों का दर्द ये है कि रोज शराब के ठेके (Liquor shop) पर उनकी जेब कटती है। उनसे हर शराब की बोतल पर 10 से लेकर 30 रुपए तक ज्यादा वसूले जा रहे हैं। अकेले रायपुर जिले (Raipur District) के 71 शराब ठेकों पर हर महीने कम से कम 21.30 करोड़ रुपए की अवैध उगाही की जा रही है। वह भी प्रशासन और पुलिस की नाक के नीचे? यह खुलासा The Rural Press की रिसर्च टीम ने किया है। जो इस मसले के तह तक पहुंची।

शराब ठेकों पर इस तरह कट रही है लोगों की जेब… जरूर देखें यह VIDEO

 

कार्यक्रम में व्यस्त रहते हैं मंत्री जी 

छत्तीसगढ़ में अकेले रायपुर जिले के शराब ठेकों पर बिकने वाली शराब की बोतल पर जो कीमत दर्ज होती है उससे ज्यादा पैसों की वसूली ग्राहकों से की जाती है। गरीबों की जेब से निकालकर ये पैसे किसकी जेब में डाले जा रहे हैं इसका भी किसी को पता नहीं है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Excise Minister Kawasi Lakhma) ने पूरा सवाल सुनने के बाद कहा कि अभी वे भाटापारा कार्यक्रम में हैं बाद में बात करेंगे। ऐसे में सवाल तो ये भी उठता है कि क्या आबकारी मंत्री को गरीबों की इतनी भी परवाह नहीं है?

क्या कहता है नियम 

दरअसल छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कापोर्रेशन (Chhattisgarh State Marketing Corporation) ने नियम बना रखा है कि किसी भी शराब दुकान से 50 मीटर की दूरी पर कोई भी चखना दुकान नहीं होगी। शराब हमेशा प्रिंट रेट पर ही बेची जाएगी। शराब की दुकान 11 बजे दिन से रात 10 बजे तक ही शराब ठेकों पर मिलेगी। इसके बाद ठेके बंद कर दिए जाएंगे।

टीआरपी रिसर्च टीम ने की पड़ताल 

आइए अब हम आपको समझाते हैं कि कैसे ये सारा खेल किया जा रहा है। इसकी लगातार शिकायतें टीआरपी (TRP) की टीम को मिल रही थी। इसके बाद टीआरपी की रिसर्च टीम ने पूरे शहर के ठेकों पर जाकर वहां भौतिक पड़ताल की। टीआरपी के पास इस पड़ताल के वीडियो फुटेज भी हैं। जिसे आप हमारे यूट्यूब चैनल देख सकते हैं। हम अपने पाठकों के लिए इस वीडियो को न्यूज वेबसाइट पर भी साझा कर रहे हैं।

रायपुर जिले के कुल 71 शराब के ठेको पर चलता है ये खेल 

टीआरपी द्वारा किए रिसर्च में सामने आया कि जिस शराब की बोतल की कीमत 170 रुपए है, ठेकों पर बैठा काउंटर मैन उसका सीधे -सीधे 200 रुपए वसूल रहा है। तो कहीं 190 या फिर 180 वसूला जा रहा है। ऐसे में सवाल तो यही उठता है कि ये किसके इशारे पर किया जा रहा है? रायपुर जिले में कुल 71 शराब के ठेके हैं। अब यहां सीधे-सीधे हिसाब लगा लेते हैं। मान लीजिए कि हर ठेके पर रोज 5000 बोतल शराब बिकती है। तो 20 रुपए के हिसाब से रोज 1 लाख की वसूली एक ठेके से हो रही है। यानि एक महीने में 30 लाख रुपए की वसूली।

अब अगर इसकी 71 ठेकों के हिसाब से गणना करें तो कुल 21.30 करोड़ रुपए हर महीने होती है। यह एक साधारण आंकड़ा भर है। हमने इसीलिए जो हिसाब लगाया है वो महज 20 रुपए प्रति बोतल के हिसाब से लगाया है, यदि इसको 30 रुपए के हिसाब से देखेंगे तो ये और भी बढ़ सकता है। यहां हम आपको ये भी बता दें कि ये आंकड़ा सिर्फ रायपुर जिले का है। ऐसे में अगर राज्य के 27 जिलों का हिसाब निकालें तो ये आंकड़ा अरबों रुपए को पार कर जाएगा।

1 करोड़ लोगों का समझा दर्द

प्रदेश की कुल आबादी का 35 प्रतिशत लोग शराब के आदी हैं। ऐसे में यह आंकड़ा तकरीबन 1 करोड़ के आसपास बैठता है। यह दर्द टीआरपी की टीम का नहीं बल्कि उस गरीब तबके के लोगों का है, जो रोज शाम को अपनी मेहनत की कमाई लेकर इन ठेकों पर लगी लंबी लाइनों में धक्के खाते हैं। इन ठेकों रोजाना ऐसे लोगों की जेब काटी जा रही है, और प्रशासन चुपचाप तमाशा देख रहा है।

जनता गलत बोल रही है: मैनेजर 

अवंति बिहार ठेके के मैनेजर ने पहले तो बिना नाम बताए हमारी टीम का कैमरा छीनने की कोशिश की। उसके बाद उसने सीधे-सीधे जनता को ही गलत ठहरा दिया। उसने कहा कि जनता झूठ बोल रही है। सवाल है कि क्या पूरे जिले की जनता झूठी है? बस अकेले मैनेजर साहब सही बोल रहे हैं? उधर जब हमारी टीम अवंति बिहार ठेके की पड़ताल कर रही थी उसी दौरान एक अनजान व्यक्ति हमारी गाड़ी के ड्राइवर के पास आया और खर्चापानी लेकर खबर न दिखाने के लिए मनाने लगा। इसके बाद जब उसकी दाल नहीं गली तो वहां से चुपचाप खिसक गया। बात चाहे जो भी हो मगर कुल मिला कर ठेकों पर सरकारी नियम कायदे को सरेआम ठेंगा दिखाकर गरीबों की जेब काटी जा रही है। तो वहीं इससे भी अहम सवाल तो ये है कि ये पैसे आखिर किसकी जेब में जा रहे हैं?

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।