जम्मू-कश्मीर।  जम्मू-कश्मीर के लेह में आदिवासियों के बनाए कलात्मक उत्पादों और तमाम दूसरी चीजों (Artistic products made by tribals and all other things) की जानकारी देने के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर के लेह के पोलो मैदान में 17 अगस्त को आदि महोत्सव (Aadi Mohotsav)होगा।  इसके उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राज्यपाल(governer) सत्यपाल मलिक और आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री (Union Minister for Tribal Affairs) अर्जुन मुंडा करेंगे। कार्यक्रम में आदिवासी मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह और ट्राइफेड के चेयरमैन आर.सी. मीणा भी मौजूद रहेंगे। यह जानकारी आदिवासी मंत्रालय के जानकार सूत्रों ने दी। उन्होंने बताया कि आदि महोत्सव आदिवासी वाणिज्य (Tribal commerce) को अगले स्तर तक ले जाने का एक प्रयास है। इसमें आदिवासियों के विशेष के रूप में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल कौशल (Special electronic and digital skills of tribals) के मामले को भी दिखाया जाएगा। यहां डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन भी होगा।


ट्राइफेड कर रही आदिवासियों की मदद:
भारत का आदिवासी सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) पूरे साल ऐसे आयोजन करता रहता है। अब ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफार्मों को हाथ में ले लिया, ताकि व्यवसाय को आगे बढ़ाया जा सके।


बस्तर के बेलमेटल के सामान भी:
जम्मू-कश्मीर के लेह की इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के बस्तर से लाए गए बेल मेटल के तमाम सामान भी बिक्री के लिए मौजूद रहेेंगे। इनको बस्तर के आदिवासियों ने बनाया है। छत्तीसगढ़ के बेलमेटल की कला पूरी दुनिया में सरनाम है। ऐसे में कश्मीर में इनकी बिक्री होने की भी खूब संभावनाएं रहती हैं। इसके साथ ही साथ यहां पर खानपान से संबंधित स्टाल भी लगाए जाएंगे।
कैशलेस भी होगी यहां की प्रदर्शनी:
कैशलेस जाने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप, पहली बार आदिवासी कारीगर प्रमुख क्रेडिट / डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार करेंगे।
प्रत्येक स्टॉल में प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं। भारतीय स्टेट बैंक द्वारा सुचारू संचालन के लिए प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है।

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