नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article-370) हटने के बाद से यहां प्रॉपर्टी खरीदने और निवेश की संभावनाएं(Property buying and investment possibilities) बढ़ गई हैं। अब बाहर के लोग भी राज्य में प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, लेकिन क्या वास्तव में ऐसा करना मुमकिन है? जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित क्षेत्रों-जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट देने के बाद दूसरे राज्यों के लोग भी यहां अचल संपत्ति खरीद सकते हैं।
अगर आप भी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में घर या जमीन खरीदना चाहते हैं तो आपको ये बात जान लेनी चाहिए।

क्या है यहां की प्रक्रिया?
अनुच्छेद 370 और 35ए हटने के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में भी केंद्र सरकार के सभी नियम और शर्तें लागू होंगी (All central government terms and conditions apply)। हालांकि, इस प्रक्रिया को पूरी तरह से स्पष्ट बनाने के लिए राज्य से जुड़ी रेरा (RERA) की पॉलिसी जरूरी है।
एनरॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir)को अपनी रेरा पॉलिसी बनानी पड़ेगी, जो हो सकता है कि दूसरे राज्यों जैसी न हों। वहां के अपने नियम हो सकते हैं। नियमों के तहत मिलने वाले फायदे के बगैर वहां संपत्ति खरीदने को लेकर सवाल बना रहेगा। सरकार कह चुकी है कि प्रॉप्रटी से जुड़ा लेनदेन रेरा के दायरे में आता है। ”
पुरी ने यह भी कहा कि अभी शुरुआती दिन हैं। निवेशकों को इस इलाके में रियल एस्टेट के नियंत्रण से जुड़ी गवर्निंग संस्था के एलान का इंतजार करना चाहिए। अगर इससे पहले कोई संपत्ति खरीदना चाहता है तो उसे इस ट्रांजेक्शन के बारे में किसी कानूनी विशेषज्ञ का सलाह लेनी चाहिए।

कैसी हैं संभावनाएं?
टियर 2 और टियर 3 शहर रियल्टी के लिहाज से आकर्षक गंतव्य के रूप में उभर रहे हैं, लेकिन, अलग-अलग आर्थिक कारकों की वजह से यह रुझान एक समान नहीं है। जहां जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में रियल एस्टेट (real estate) के लिहाज से बड़ी संभावनाएं हैं वहीं आर्थिक गतिविधियों को परवान चढ़ने में अभी समय लगेगा।

पुरी का कहना है कि स्मार्ट सिटीज प्रोग्राम के तहत आने वाले छोटे शहरों का आकर्षण बढ़ा है। इस प्रोग्राम में वे टियर 1 शहरों से आगे नजर आते हैं। इसकी कई वजहें हैं। उनके लिए कई संभावनाएं हैं। उनके लिए चुनौतियां भी कम हैं। इन शहरों में जमीन का अधिग्रहण आसान है।

शहर –

कीमत प्रति वर्ग फुट :

श्रीनगर 2500-3200 रुपये,  जम्मू – 2400-4000 रुपये,  बरामूला – 2500-3200 रुपये,  सोपोर- 2200-4000 रुपये,
स्रोत: एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स

क्या यह प्रॉपर्टी खरीदने का सही समय है?
अभी नियमों में स्पष्टता नहीं है। रेरा (RERA) की नीतियां भी अभी स्पष्ट नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि निवेशकों को जम्मू-कश्मीर में प्रॉप्रटी खरीदने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। इसकी वजह यह है कि इस इलाके में रियल एस्टेट निवेश को लेकर अब भी संदेह है।

बन सकती हैं बड़ी संभावनाएं: जिया
नाइट फ्रैंक में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (वैल्यूएशन एंड एडवायजरी, रिटेल एंड हॉस्पिटलिटी) गुलाम जिया ने कहा कि भविष्य में जम्मू-कश्मीर के इलाके में विकास की बड़ी संभावनाएं बन सकती हैं। हालांकि, यह बिल्कुल नया बाजार है, जिससे वैल्यूएशन के बारे में पता नहीं है। ऐसे नए बाजार में बेंचमार्किंग से जुड़ी बुनियादी दिक्कतें आती हैं। इससे निवेशकों के लिए प्रॉपर्टी की सही कीमत का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।

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