नई दिल्ली। देश के कई प्रांत पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, तो वहीँ कई प्रांतों में इन दिनों बाढ़ आपदा (Flood disaster) का त्राहिमाम मचा हुआ है। अगर देखा जाये तो आधा भारत (India) इस वक्त बाढ़ के प्रलय से दहशत में है। बाढ़ के कहर ने कई लोगों की जान ले ली। वहीँ सेना (Army) के जवानों द्वारा बचाव और सुरक्षा कार्य लगातार जारी है।
देश के कई प्रान्त उत्तराखंड (Uttarakhand), हिमाचल, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, कर्नाटक और राजस्थान में बाढ़ के कारण प्रलय जैसी स्थिति बनी हुई है। वहीँ बाढ़ और भूस्खलन से सबसे भयानक हालात उत्तराखंड के हैं। उत्तराखंड (Uttarakhand) के 8 जिलों में हाहाकार मचा हुआ है, तो वहीं कई स्थानों में बादल फटने के बाद कोहराम मचा हुआ है। वहीँ छत्तीसगढ़ राज्य (Chhattisgarh State) में औसत से कम पानी गिरने की वजह से परेशानियां बढ़ गयी है।
भूस्खलन से पहाड़ टूटकर सड़कों पर गिर रहे
यहीं नहीं कई जगह भूस्खलन से पहाड़ टूटकर सड़कों पर गिर रहे हैं। उत्तरकाशी (Uttarkashi), लामबगड़,बागेश्वर,चमोली और टिहरी में तो हालात और भी बदतर हो गए हैं। इधर हिमाचल प्रदेश में बारिश हो रही है लेकिन सांसें पंजाब (Punjab) की थमी है। लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश का भाखड़ा नांगल डैम लबालब भर चुका है, जिसके चलते बांध के पानी को खोलना पड़ा है। भाखड़ा का पानी अब पंजाब के कई जिलों में हाहाकार मचा रहा है।
बदरीनाथ धाम यात्रा पर लगा ब्रेक
हालांकि ऐसा करने से पंजाब (Punjab) में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। वाराणसी (Varanasi) में तो गंगा का जलस्तर इतना बढ़ गया कि घाट डूब गए हैं। बता दें कि हरिद्वार में गंगा अपना रौद्र रूप दिखा रही है। गंगा का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। इधर, खराब मौसम की वजह से प्रशासन ने बदरीनाथ धाम की यात्रा पर भी ब्रेक लगा दिया है।
गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय कमेटी की हुई बैठक
देशभर में बाढ़ से मचे हाहाकार के बीच आज गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय कमेटी (High level committee) की बैठक हुई। इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, गृह राज्यमंत्री नित्यानन्द राय सहित आपदा प्रबंधन विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
मिली जानकारी के अनुसार उच्च स्तरीय कमेटी (High level committee) की बैठक में बाढ़ से ग्रस्त इलाकों के हालात पर चर्चा हुई। साथ ही इस आपदा से जूझ रहे लोगों तक राहत-बचाव सामग्री को तेजी से पहुंचाने के निर्देश दिए गए।