नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी (Congress)में अकेले पी. चिदंबरम(P Chidambaram) ही भ्रष्टाचार के आरोपों से नहीं घिरे हैं। यहां तो टॉप टू बॉटम नेताओं पर ऐसे मामले चल रहे हैं। संसद के मानसून सत्र में जब पश्चिम बंगाल के अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि भ्रष्टाचार के मामले हैं तो गिरफ्तार क्यों नहीं करते? तब पीएम मोदी ने हंसते हुए कहा था- जमानत पर हैं तो एन्जॉय करिए। यहां तक कि पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी भी जमानत पर चल रहे हैं। दामाद भी जमीन के विवाद में फंसे हुए हैं। आलम ये है कि दिल्ली से लेकर हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक के बड़े नेता सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी एजेंसियों के निशाने पर हैं। ऐसे में सवाल तो यही है कि चिदंबरम (P Chidambaram) के बाद अगला नंबर किसका होगा?

बदलापुर की सियासत का आरोप :
माना जा रहा है कि चिदंबरम के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसियां भ्रष्टाचार में फंसे अन्य कांग्रेस (Congress) नेताओं पर भी शिकंजा कस सकती हैं(Central investigative agencies may also tighten the screws on other Congress leaders)। इस आशंका से कांग्रेस (Congress) के कई नेता सहमे हुए हैं। हालांकि कांग्रेस (Congress) अपने नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से इनकार करती है। पार्टी का कहना है कि बीजेपी की मोदी सरकार बदलापुर की भावना से कार्रवाई कर रही है।
2011 का नेशनल हेराल्ड मामला:
इस केस में कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस (Congress) नेता फंसे हैं। आरोप है कि कांग्रेस (Congress) के पैसे से 1938 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी खड़ी की गई, जो नेशनल हेराल्ड (National Herald Case), नवजीवन और कौमी आवाज। नामक तीन अखबारों का संचालन करती थी। एक अप्रैल 2008 को सभी अखबार बंद हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने 26 फरवरी 2011 को इसकी 90 करोड़ रुपये की देनदारियों को अपने जिम्मे ले लिया था। मतलब पार्टी ने इसे 90 करोड़ का लोन दे दिया। इसके बाद 5 लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया और राहुल की 38-38 फीसदी हिस्सेदारी है।
बदल डाला नाम:
बाद में घालमेल कर यंग इंडियन (Young indian) के कब्जे में एजेएल कंपनी को कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने 90 करोड़ का लोन भी माफ कर दिया। यानी ‘यंग इंडियन'(Young indian) को एक प्रकार से मुफ्त में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड नाम की कंपनी का मालिकाना हक मिल गया। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 16 सौ करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया।
अगस्ता वेस्टलैंड डील:
अगस्ता वेस्टलैंड वीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद घोटाला (AgustaWestland VIP helicopter purchase scam) 2013 में सामने आया। दरअसल ये मामला अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 36 अरब रुपए के 12 वीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने थे से जुड़ा है। आरोप है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया इस वीआईपी चॉपर खरीद के पीछे अहम भूमिका निभा रही थीं। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले को पिछली मोदी सरकार में उठाया था, जिसके बाद घमासान मचा था। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल पर इतालवी चॉपर कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से कमीशन लेने के आरोपों की सीबीआई आदि केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं। इस मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी भी फंसे हैं। अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जारी गैर जमानती वारंट रद्द करने की अर्जी को राउज एवेन्यू कोर्ट नामंजूर कर चुका है।
गहलोत और पायलट फंसे एंबुलेंस के फेर में:
हुआ ये कि 2010 से लेकर 2013 तक एनआरएचएम के तहत एंबुलेंस खरीदने में जमकर धांधली हुई। एंबुलेंस खरीदने के लिए जो टेंडर जारी किया गया, उसमें गड़बड़ी की हुई थी। इस मामले में 31 जुलाई 2014 को जयपुर के अशोक नगर थाना पुलिस ने जयपुर नगर निगम के पूर्व मेयर पंकज जोशी की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था। राजे सरकार के अनुरोध पर मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था।
12 करोड़ की संपत्तियां सीज:
करोड़ों की एंबुलेंस खरीद में पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ए. ए. खान, श्वेता मंगल, शफी माथेर और निदेशक एनआरएचएम. के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी), 471, और 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था। ईडी अब तक 12 करोड़ की संपत्तियां आरोपियों से जब्त कर चुकी है।
डीके शिवकुमार:
कर्नाटक में कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार के खिलाफ काफी दिनों से आय से अधिक संपत्ति दर्ज करने का मामला चल रहा है। 2017 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डीके शिवकुमार के 64 ठिकानों पर जबर्दस्त छापेमारी की थी। टैक्स चोरी की शिकायतों पर यह कार्रवाई हुई थी। उस दौरान डीके शिवकुमार व अन्य कांग्रेस नेताओं ने राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया था।
वीरभद्र सिंह :
हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह के खिलाफ भी केंद्रीय एजेंसियों की जांच चल रही है। सितंबर 2015 में उनकी बेटी की शादी के दिन सीबीआई ने छापेमारी कर खलबली मचा दी थी। आय से अधिक संपत्तियों के मामले में सीबीआई हिमाचल के इस दिग्गज कांग्रेस नेता के खिलाफ जांच कर रही है।
हरीश रावत :
उत्तराखंड के दिग्गज कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी सीबीआई जांच की जद में हैं। उनके खिलाफ अप्रैल 2016 में सदन में फ्लोर टेस्ट से पहले बागी विधायकों को समर्थन के लिए घूस की पेशकश करने का आरोप है।
भूपिंदर सिंह हुड्डा :
हरियाणा के पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ भी गुरुग्राम में जमीन सौदे के मामले में जांच चल रही है।
जगदीश टाइटलर :
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर भी भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में किसी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए निचली अदालत को एक साल के अंदर ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया है। मामला वर्ष 2009 का है।
टाइटलर पर एक आरोप ये भी:
दरअसल टाइटलर पर तो एक आरोप ये भी है कि उन्होंने बिजनेसमैन अभिषेक वर्मा के साथ मिलकर तत्कालीन गृह राज्य मंत्री अजय माकन के फर्जी लेटर हेड का इस्तेमाल कर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर एक चीनी टेलीकॉम कंपनी के अफसरों को वीजा के नियमों में छूट देने की सिफारिश की थी। टाइटलर और वर्मा के खिलाफ फर्जीवाड़ा, धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र सहित भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत चल रहे केस में आरोप तय हो चुके हैं।
ऐसे में देखना ये होगा कि अब पी.चिंदंबरम के बाद अगला नंबर किसका आता है।
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