ऋषिकेश। पतंजलि योगपीठ (Patanjali Yogpeeth) के महामंत्री और पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) की तबियत आज अचानक खराब हो गई है। उनको ऋषिकेश के एम्स हास्पिटल में भर्ती (Admitted to AIIMS Hospital, Rishikesh) कराया गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि आचार्य बालकृष्ण(Acharya Balakrishna) को कोई न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम (Problems related to neuro) है। उसका इलाज जारी है।


बेसुध हालत में थे आचार्य बालकृष्ण:

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री और योग गुरु बाबा रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna)  की तबीयत बिगड़ने पर आज उन्हें हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ स्थित आॅफिस से ऋषिकेश के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) को बेसुध हालत में पहले तो हरिद्वार के पतंजलि योगपीठ के पास भूमानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें ऋषिकेश के एम्स(AIIMS Hospital, Rishikesh) के लिए रेफर कर दिया।
वहीं पतंजलि योगपीठ प्रबंधन इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है। दूसरी तरफ भूमानंद अस्पताल में आचार्य बालकृष्ण का मेडिकल परीक्षण करने वाले डॉक्टरों के मुताबिक आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balakrishna) को बेसुध हालत में यहां लाया गया था और वे सही से बता नहीं पा रहे थे कि उन्हें क्या शारीरिक कष्ट है? फिलहाल मेडिकल परीक्षण में उनके सभी टेस्ट नार्मल आए हैं, लेकिन न्यूरो से संबंधित दिक्कत(Problems related to neuro) को ध्यान में रखते हुए उन्हें तत्काल ऋषिकेश के एम्स में लाया गया। डॉक्टर्स का कहना है कि उनके स्वास्थ्य में सुधार आने में कुछ वक्त लग सकता है। उनका इलाज जारी है।

आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान हैं आचार्य :

इस बात को आज पूरी दुनिया जानती है कि आचार्य बालकृष्ण(Acharya Balakrishna) आयुर्वेद के प्रकांड विद्वान हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है। पतंजलि योगपीठ की स्थापना के पीछे इनका बहुत बड़ा योगदान है। आज पूरी दुनिया में जो भी जड़ी-बूटियों की दवाएं जा रही हैं उनके विकास में आचार्य का काफी योगदान है। उन्होंने मृतप्राय हो चले आयुर्वेद को एक बार पुनर्जीवित किया है। पूरी दुनिया में इनके बड़ी तादाद मे प्रशंसक और भक्त हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।