नई दिल्ली। इंडियन एयरफोर्स(Indian Air Force) जल्दी ही 114 फाइटर एयरक्राफ्ट(114 fighter aircraft) खरीदने की तैयारी में है। उधर फ्रांस से पहला राफेल 20 सितंबर को आने वाला है( First Rafale from France to arrive on 20 September)। उसके बाद बाकी के 35 विमान आने में लगभग 4 साल का समय लगेगा। तो वहीं इस बार इंडियन एयरफोर्स (Indian Air Force) देर नहीं करना चाहती। इन विमानों को वो जल्दी से जल्दी खरीदना चाहती है। ऐसा इस लिए कि मिग-21 जैसे विमानों को क्रम बध्द तरीके से हटाना है।

कौन-कौन सी कंपनियां है दौड़ में:

राफेल अनुबंध के 126 से 36 तक कम होने के बाद भारतीय वायु सेना ने 114 जेट खरीदने के लिए एक बार फिर से वैश्विक बाजार में कदम रखा था। बोइंग, लॉकहीड मार्टिन इंडिया, यूरोफाइटर, रशियन यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉपोर्रेशन और साब (Boeing, Lockheed Martin India, Eurofighter, Russian United Aircraft Corporation and Saab) जैसे सभी प्रमुख फाइटर निमार्ता लगभग 1500 करोड़ डॉलर के अनुबंध की दौड़ में हैं।

कैसे विमान चाहिए भारत को:

इन कंपनियों ने इससे पहले मीडियम मल्टी रोल कॉम्बेट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) नीलामी प्रक्रिया में भी हिस्सा लिया था। भारत से आर्डर प्राप्त करने के प्रतिस्पर्धा के चलते उन्होंने कुछ अच्छे आफर्स भी निकाले। अमेरिकी विमान निमातार्ओं ने भारत में एफ-16 और एफ-16 जेट की उत्पादन लाइनें स्थापित करने की पेशकश की। नई दिल्ली और पेरिस 36 और राफेल की आपूर्ति संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। इन सबके अलावा और भी कई अवसर हैं। लड़ाकू विमानों के नए लाइन को शामिल करने में देरी होने से पहले से ही भारतीय वायु सेना के युद्ध से संबंधित योजनाओं पर असर पड़ा है।

क्यों पड़ी जरूरत:

मिकोयान-गुरेविच मिग-21 (एमआईजी-21) को चरणबद्ध तरीके से बेड़े से हटाया जाना है, लेकिन विभिन्न कारणों के चलते नए आर्डर आने में देरी हुई है। वायुसेना को पहला राफेल अगले महीने मिलेगा और सभी 36 विमान मिलने में अगले चार सालों का वक्त लगेगा। भारतीय वायु सेना रूस से एमआईजी-29 लेने के साथ सुखोई एसयू-30 एमकेआई का आॅर्डर देने पर भी विचार कर रही है। भारत की योजना जगुआर को उन्नत बनाने की है जो कि पिछले कई सालों से लंबित है, इस पर तत्काल ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। वैसे भी बदलते सामरिक परिवेश में इनकी सख्त जरूरत महसूस की जा रही है।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।