कांकेर। आजकल विद्युत मंडल खूब मुनाफे में चल रहा है, अरे भाई चौंकिए मत….हम छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल (Chhattisgarh Electricity Board) की नहीं कांकेर के किसान की बात कर रहे हैं, उसका नाम विद्युत मंडल (Viddyut Mandal) है…क्यों खा गए न चक्कर? यकीन मानिए जहां प्रदेश के दूसरे जिलों में किसान आत्महत्या (Farmer suicide) कर रहे हैं, उसी जगह पर विद्युत मंडल ने अपनी मेहनत और लगन के दम पर मिसाल कायम की है। आज ड्रैगन फ्रूट (Dragon fruit) की खेती के दम पर वो साल में 5 लाख रुपए की आय कर रहे हैं। उसके बाद बाकी की सब्जियों से जो आय हो जाती है वो अतिरिक्त है।

कैसे शुरू की खेती:

कांकेर के पखांजुर ब्लॉक के कापसी के पीवी 122 के रहने वाले विद्युत मंडल ने इसके बीजों को थाईलैंड से मंगवाया (The Electricity Board ordered its seeds from Thailand)  था। उन्होंने जब इसकी खेती शुरू की तो लोग उसकी हंसी उड़ाते थे। दो साल तक इसके पौधे बढ़ते रहे। उनमें कोई भी फूल या फिर फल नहीं आया। इसके बाद उनमें फूल आने शुरू हुए। तब तक इनको तैयार करने में विद्युत मंडल के 4 लाख रुपए खर्च हो चुके थे।

कैसे करते हैं खेती:

विद्युत मंडल बताते हैं यह एक आधुनिक खेती हैं इसमें काफी पैसा खर्चा होता हैं इसका तना रस्सी की तरह लंम्बा होता हैं जिसके लिए उसे पर्याप्त जगह की आवश्कता पड़ती हैं। उस लिए प्रत्येक वृक्ष को खंम्बे के सहारे लकड़ी का स्टैंड बनाकर ऊपर चढाना पड़ता हैं नहीं तो फसल को बचा पाना संम्भव नहीं हैं । इसका पौधा एक प्रकार के वेल जैसा होता है ड्रैगन फलों () का पौधा सुगंधित और लाल फल के साथ सुंदर दिखाई देते हैं । ड्रैगन फलों का पौधा देखने में आकर्षक और इसका फल स्वादिष्ट होता है। यह कुछ हद तह तरबूज और किवी फलो के समान ही स्वाद देता है। इसकी बाजार में कीमत 5 से 6 सौ रुपए प्रति किलोग्राम तक है। इसके अलावा इसकी मांग तमाम दूसरे राज्यों में भी है।

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