रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister) व छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (Chhattisgarh Janta Congress) के सुप्रीमो अजीत जोगी (Ajit Jogi) पर बिलासपुर (Bilaspur) में गैरजमानती धाराओं (Non-bailable act) के तहत केस दर्ज किया गया है।

जाति छानबीन समिति की रिपोर्ट और दिशा-निर्देश पर अजीत जोगी के खिलाफ यह एफआईआर (First Information Report) की गई है। छानबीन समिति (Scrutiny committee) ने बीते 23 अगस्त 2019 को जोगी के जाति के दावे (Caste) को निरस्त कर दिया था। समिति ने अजीत जोगी की जाति को आदिवासी (tribal) मानने इनकार कर दिया है।

बिलासपुर कलेक्टर को निर्देश

जांच समिति ने बिलासपुर कलेक्टर (Bilaspur Collector) को कार्रवाई के लिए निर्देश दिया था। जिसके आधार पर गुरुवार को कलेक्टर कार्यालय से तहसीलदार टीआर भारद्वाज सिविल लाइन थाने पहुंचे। जिन्होंने कलेक्टर का लिखित ज्ञापन थाने में प्रस्तुत किया। इसके बाद थाना सिविल लाइन ने अजीत जोगी के खिलाफ छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण विनियमन) अधिनियम 2013 की धारा 10-1 के तहत एफआईआर दर्ज किया गया।

क्या है सजा का प्रावधान

एफआईआर (FIR) गुरुवार रात 9.40 बजे दर्ज की गई। इन धाराओं के तहत अजीत जोगी को अधिकतम 2 साल की सजा (2 year jail imprisonment) और 2 हजार से 20 हजार रुपए तक का जुर्माना (Penalty) देने पड़ सकता है। मामले में टीआई कलीम खान ने बताया है कि वे केस की जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे।

हाईकोर्ट पहुंचे जोगी

अजीत जोगी ने छानबीन समिति की रिपोर्ट आने के बाद कहा था कि वे मामले को हाईकोर्ट और सुप्रीम में कोर्ट लेकर जाएंगे। इसी क्रम में गुरुवार को अजीत जोगी की ओर से हाईकोर्ट में रिट प्रस्तुत की गई है। इसमें 12 से अधिक बिंदुओं का जिक्र करते हुए छानबीन समिति की रिपोर्ट को उन्होंने गलत बताया है।

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