रायपुर। अमित जोगी की नागरिकता (Citizenship) मामले में प्रदेश भाजपा (BJP) संगठन के सभी बड़े चेहरों ने किनारा कर लिया है। अपनी ही पार्टी की पूर्व प्रत्याशी की शिकायत पर अमित जोगी पर हुई कार्रवाई बीजेपी के लिए गले की हड्डी बन गई है। पार्टी ने तो समीरा पैकरा के इस कदम पर खुलकर साथ दे पा रही है न ही कांग्रेस पार्टी का विरोध कर पा रही है।

इस मसले में डॉ. रमन सिंह ने जानकारी लेने की बात कही है। तो नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिश (Dharamlal Kaushik) का कहना है कि पहले जो हुआ और अभी जो हो रहा है उसमें बीजेपी ज्यादा इंट्रस्टेड नहीं है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी (Vikram Usendi) ने कहा था कि इस मामले की पूरी जानकारी नहीं है। पूरे मामले की जानकारी के बाद ही प्रतिक्रिया दी जाएगी। उसेंडी ने दिल्ली में रहने की दलील दी थी।

बीजेपी के इस रवैये को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ मंत्री ने टीएस सिंहदेव (TS Singhdeo) ने बीजेपी पर सवाल खड़े किए हैं। टीएस सिंहदेव का कहना है कि पुराने केस पर कार्रवाई हुई है लेकिन सवाल यह है कि आखिर कार्रवाई पहले क्यों नहीं की गई।

अकेली पड़ी समीरा पैकरा

बीजेपी नेताओं के बयानों को सुनकर तो फिलहाल यही लग रहा है कि समीरा पैकरा (Samira Paikra) इस मामले में संगठन से अलग-थलग पड़ गईं है। लेकिन अब आगे कि क्या कार्रवाई होगी और प्रदेश की सियासत पर इसका क्या असर पड़ेगा, ये तो वक्त आने पर ही पता चल पायेगा।

डलास में ही हुआ अमित जोगी का जन्म

अमित जोगी के जन्म प्रमाणपत्र संबंधी मामले में उनकी मां डॉ. रेणु जोगी ने कहा कि मां होने के नाते मैं बता रही हूं कि उसका जन्म अमेरिका के शहर डलास में 7 अगस्त 1977 को हुआ था। बेटे के जन्म से पहले स्वास्थ्यगत कारणों से मैं अपनी मां के साथ बहन के पास अमेरिका गई थी। वहां बेटे का जन्म होने के कारण जन्म के समय ही उसे अमेरिका की नागरिकता मिली, लेकिन वयस्क होने के बाद अमित ने अमेरिकन दूतावास में जाकर अपनी अमेरिकी नागरिकता त्याग दी थी। साथ ही उसने भारतीय नागरिकता ले ली थी।

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