रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में बस्तर संभाग के लिए उपचुनाव का (Dantewada by Election) का बिगुल बज चुका है। दंतेवाड़ा उपचुनाव में कांग्रेस ने देवती कर्मा (Devati Karma) को ही फिर से मैदान में उतारा है। वहीं बीजेपी (BJP) ने दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को प्रत्याशी बनाया है।

उपचुनाव के मैदान में बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही सीपीआई, जोगी कांग्रेस और बसपा समेत अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशी उतारे हैं। बसपा ने अपने प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम पर दांव खेला है। विधानसभा चुनाव 2018 में बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली थी। एकबार फिर से बीजेपी इस सीट पर जीत की उम्मीद कर रही है।
दंतेवाड़ा (Dantewada) विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास को देखें तो साल 1980 से अब तक हुए नौ चुनाव हुए हैं। पांच बार कांग्रेस (Congress), तीन बार सीपीआई और दो बार बीजेपी ने यहां से जीत दर्ज किया है।
इनके बीच होगा सीधा मुकाबला
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा (Dantewada) विधानसभा क्षेत्र में इस महीने की 23 तारीख को होने वाले उप चुनाव के लिए नौ उम्मीदवार मैदान में हैं। उपचुनाव में एनसीपी के अजय नाग, बीजेपी से ओजस्वी भीमा मंडावी, कांग्रेस की देवती कर्मा, सीपीआई के भीमसेन मंडावी, जोगी कांग्रेस के सुजित कर्मा, बसपा के हेमंत पोयाम, आप के बल्लू राम भवानी, जीजीपी के योगेश मरकाम और और सुदरू राम कुंजाम निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं।
दस उम्मीदवारों ने किया था पर्चा दाखिल
इस सीट से दस उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था और नामांकन पत्रों की जांच के बाद इनमें से नौ उम्मीदवारों का पर्चा सही पाया गया। इस सीट पर प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है। कांग्रेस की प्रत्याशी देवती कर्मा, पार्टी के दिवंगत नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी हैं। जीरम घाटी में 2013 में हुए आतंकवादी हमले में कर्मा की मौत हो गयी थी।
भाजपा (BJP) ने इस सीट से भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को मैदान में उतारा है ताकि सहानुभूति वोट मिल सके। भाजपा और कांग्रेस के अलावा इस सीट पर बसपा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे), भाकपा, राकांपा, आप, गोगपा ने भी अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसके अलावा एक निर्दलीय भी मैदान में है। प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में देवती कर्मा भाजपा के भीमा मंडावी से 2100 से अधिक मतों से चुनाव हार गयी थीं।