नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोशल मीडिया प्रोफाइलों (Social Media Profile) को आधार कार्ड (Aadhaar Card) से जोड़ने के मुद्दे पर केंद्र सरकार (Central Government) से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने पूछा है कि क्या सोशल मीडिया अकाउंट्स को रेग्युलेट करने के लिए उन्हें आधार से जोड़ने की सरकार की कोई योजना है। केंद्र को जवाब देने के लिए 24 सितंबर तक का समय दिया गया है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द फैसला लिए जाने की जरूरत है।

क्यों आन पड़ी जरूरत

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब तमिलनाडु सरकार (Government of Tamil Nadu) ने सोशल मीडिया प्रोफाइल (Social Media Profile) को आधार से लिंक कराने संबंधी पहल की। उसका तर्क है कि ऐसा होने से सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रविरोधी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में यह भी कहा है कि ऐसा करने के बाद फेक न्यूज, आपत्तिजनक और पोर्नोग्राफिक कंटेंट पोस्ट करने वालों की पहचान भी संभव हो पाएगी। तमिलनाडु सरकार की इस पहल पर फेसबुक को एतराज है। उसका कहना है कि आधार को सोशल मीडिया अकाउंट से लिंक करने पर यूजर्स की प्राइवेसी खत्म हो जाएगी जो प्राइवेसी नियमों का उल्लंघन होगा।

अन्य राज्यों में भी चल रहे हैं मामले

इस मामले में मुंबई और मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भी मामले चल रहे हैं। फेसबुक (Facebook) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल करके मांग की है कि इन मामलों को सुप्रीम कोर्ट में स्‍थानांतरित किया जाए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार, गूगल (Google), ट्विटर (Twitter), यूट्यूब (Youtube) और अन्य को नोटिस भेजकर 13 सितंबर तक उनका पक्ष मांगा था। इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि सरकार को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

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