रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (National Health Insurance Scheme) के विवादित एसीईओ विजेंद्र कटरे (ACEO Vijendra Katre) की संविदा नियुक्ति का टेन्यूर 30 सितंबर को समाप्त हो गया है और नियमनुसार नये ACEO के लिए नई भर्ती प्रक्रिया अपनाई जाएगी। लेकिन कटरे के प्रभाव के चलते स्वास्थ्य विभाग (Health Department Chhattisgarh) ने अभी तक नई भर्ती के लिए कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।

सूत्रों की माने तो सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरह से विजेंद्र कटरे (Vijendra Katre) अपनी जोड़तोड़ टेक्टिक्स के जरिए स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister Chhattisgarh) को अपने फेवर में ले लिया था और तमाम विवाद के बाद मंत्री की टीप के बाद विजेंद्र कटरे को नियुक्ति दी गई थी। उसी तरह एक बार फिर विजेंद्र कटरे ने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर केंद्र सरकार से जुड़े लोगों के पास जुगाड़ लगाया शुरू कर दिया है। साथ ही अपने अनुभव और क्वालिफिकेशन के आधार पर नियम शर्ते तैयार करने की कवायद में है ताकि एसीईओ पद पर फिर से नियुक्ति मिल जाए।

कौन है एसीईओ विजेंद्र कटरे

विजेंद्र कटरे (Vijendra Katre) को भाजपा सरकार (BJP Government) के समय में 2011 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (National Health Insurance Scheme) में एसीईओ पद पर संविदा में नियुक्ति दी गई थी तब से विजेंद्र कटरे पर ये आरोप लगते रहे है कि स्वास्थ्य बीमा में धांधली कर भाजपा के लिए फंड इकट्ठा करते है इस बात की विभाग से कई बार शिकायत भी हुई। साथ ही वर्तमान में सत्तासीन कांग्रेस के महासचिव गिरीश देवांगन ने भी 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी कि विजेंद्र कटरे भाजपा के लिए चुनावी चंदा उगाही में लगे है।

विजेंद्र कटरे को लेकर विभाग से जो शिकायतें की गई थी उनकी जांच में विजेंद्र कटरे पर लगे आरोप को सही पाया गया लेकिन कांग्रेस (Congress) की सरकार आने के बाद उनपर कार्रवाई होने के वजाह स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने जांच रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए उनकी संविदा नियुक्ति के लिए क्लीन चिट दे दी। वहीँ स्वास्थ्य मंत्री के टीप को अक्षरश पालन विभाग ने किया।

विवादित विजेंद्र कटरे खुद को समझते है सिस्टम से उपर

जानकार सूत्र के बताते है कि विजेंद्र कटरे आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojna) के तहत फर्जी बोगस बीमा क्लैम के विशेषज्ञ है। इसलिए वे विभाग मंत्री से लेकर आला अधिकारियों को सेट कर लेते है क्योंकि ये सच है जिसे नकारा नहीं जा सकता की सरकार किसी की भी हो कमीशन खोरी जमकर होती है और जो अधिकारी उस सिस्टम में फिट बैठता है उसे ही पद दिया जाता है। यही वजह है कि विजेंद्र कटरे जैसे अधिकारियों पर लगे आरोप सही पाये जाने पर भी उनकी सेवाएं बढ़ा दी जाती है।

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