रायगढ़। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य के निर्माण के बाद ऐसा पहली बार है जब किसी राजनीतिक दल के आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई हो। जी हां यह मामला रायगढ़ जिले का है जहां बीजेपी दल के 18 आरोपियों को कोर्ट (Court) ने सजा दी है। साल 2008 में चक्रधरनगर पुलिस (Police) थाना में हंगामा और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने को लेकर बीजेपी (BJP) के 18 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की गई थी। इसी मामले में लंबी सुनवाई के बाद रायगढ़ जिला न्यायालय (Court) ने सजा सुनाई है।
डेढ़ साल की सजा
कोर्ट ने सजा सुनाते हुए अपराधियों को डेढ़-डेढ़ साल की सजा दी है। रायगढ़ (Raigad) में वर्ष 2008 में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) के दौरान पूर्व विधायक के पुत्र सहित बीजेपी (BJP) के पदाधिकारियों पर थाना में हंगामा और शासकीय काम में बाधा का मामला दर्ज किया गया था। जिस पर 18 आरोपियों को दो अलग अलग धाराओं में डेढ़ डेढ़ वर्ष की सजा और 500-500 रुपये जुर्माना अदा करने की सजा दी गई है। हालांकि कोर्ट से सभी आरोपियों को जमानत मिल गई है।
किन्हें मिली सजा
कवल अग्रवाल, नवल अग्रवाल, सीताराम विश्वकर्मा, सूरत पटेल, नवनीत, महेश कंकरवाल, संतोष मित्तल,पवन शर्मा, सुरेश, भरत अग्रवाल, श्रीकांत सोमावार सहित मामले में 18 आरोपियों को सजा दी गई है। संभवत: यह प्रदेश का पहला मामला है, जब किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल से जुड़े 18 लोगों को एक साथ सजा सुनाई गई है। सजा के बाद आरोपियों की जमानत अर्जी को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है, सभी को जमानत दे दी गई है।
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