रायपुर। खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Drug and medicine) छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के सभी फल (Fruits) विक्रेताओं को स्टीकर लगे हुए फल नहीं बेचने के आदेश दिये है। साथ ही आम जनता से भी स्टीकर (Sticker) लगे हुए फल नहीं खरीदने की अपील की है। इसके साथ ही कारोबारी द्वारा असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण और विक्रय करते पाये जाने पर कार्रवाई की निर्देश जारी किये गये है

नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन छत्तीसगढ़ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार बाजार में बिकने वाले सेब (Apple) आम (Mango) संतरा, अमरूद, केला, सीताफल, नाशपाती आदि फलों में स्टीकर चिपके होते हैं। अधिकांश व्यापारी (Businessman) फल के ऊपर स्टीकर का इस्तेमाल प्रीमियम दिखाने या कई बार फलों के खराब हिस्सों की खामियां छुपाने के लिए करते हैं। फलों पर जो स्टीकर चिपके होते है उन पर व्यापारी की ब्राण्ड के नाम, ओके टेस्टेड, बेस्ट क्वालिटी या फल का नाम लिखा होता है। फल विक्रेता फलों में स्टीकरों का इस्तेमाल उत्पाद को प्रीमियम दर्जे का दिखाने के लिए करते है। फलों के ऊपर लगे स्टीकर में कैमिकल होता है और कैमिकल की वजह से फल दूषित हो जाता है। स्टीकर के गोंद में खतरनाक कैमिकल होते है, जो मानव के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत विभाग ने एक एडवायजरी (Advisory) जारी की है जिसमें असुरक्षित खाद्य का संग्रह, वितरण, विक्रय व्यापारी को नहीं करने को कहा गया है। व्यापारी सड़ी-गली फलों एवं सब्जियों का विक्रय नहीं करेगा। फल एवं सब्जियों में मोम, खनिज तेल, रंगों का आलेपन भी नहीं करेगा और फलों को कार्बाइट (Carbide) के रूप में सामान्य रूप से ज्ञात एसीटिलिन गैस का प्रयोग करके कृत्रिम रूप से पका कर विक्रय नहीं करेगा।

 

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