नई दिल्ली। केंद्र सरकार भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड

(एमटीएनएल) को बंद नहीं करेगी। इन दोनों कंपनियों का विलय किया जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट ने इसके रिवाइवल

प्लान को मंजूरी दे दी है। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि दोनो टेलीकॉम कंपनियों को न तो बंद किया

जाएगा, ना ही विनिवेश किया जाएगा और ना ही इसको किसी तीसरे पक्ष को चलाने के लिए दिया जाएगा।

 

यह बनाया रिवाइवल प्लान

प्लान के मुताबिक एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय होगा। बीएसएनएल के कर्मचारियों के लिए वीआरएस

योजना लाई जाएगी। बीएसएनएल के रिवाइवल के लिए 15 हजार करोड़ रुपये के सॉवरेन बॉन्ड लाए जाएंगे।

38 हजार करोड़ रुपये की संपत्तियां बेची जाएंगी। विलय प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की

सब्सिडियरी रहेगी। साथ ही बीएसएनएल-एमटीएनएल को 4जी स्पेक्ट्रम दिए जाने पर भी सहमति जताई गई है।

 

दोनों कंपनियों की संपत्तियों को बेचने या फिर किराये पर देने के एक संयुक्त कमेटी बनाने को मंजूरी दे दी है।

इस कमेटी में बीएसएनएल, दूरसंचार विभाग और विनिवेश विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।बीएसएनएल पर

फिलहाल 14 हजार करोड़ की देनदारी है और वित्त वर्ष 2017-18 में उसे 31287 करोड़ का नुकसान हुआ था।

कंपनी में फिलहाल 1.76 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। वीआरएस देने से कर्मचारियों की संख्या अगले पांच सालों में

75 हजार रह जाएगी।

 

एमटीएनएल में 22 हजार कर्मचारी

एमटीएनएल में फिलहाल 22 हजार कर्मचारी हैं और कंपनी की 19 हजार करोड़ रुपये की उधारी है। कंपनी अपनी

90 फीसदी आय कर्मचारियों की सैलरी देने में खर्च करती है। अगले 6 साल में कंपनी के करीब 16 हजार कर्मचारी

रिटायर हो जाएंगे।

 

इसलिए जरूरी है बीएसएनएल का बने रहना

प्रसाद ने कहा जब भी देश के किसी भी हिस्से में कोई प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, तूफान आता है, तो

बीएसएनएल ही पहली कंपनी होती है जो मुफ्त में सेवाएं देती है। कंपनी की कमाई का 75 फीसदी हिस्सा

कर्मचारियों का वेतन देने में काम आता है। वहीं अन्य कंपनियां इस मद में केवल पांच से 10 फीसदी खर्च

करती हैं। कंपनी अभी अपने कर्मचारियों को सितंबर माह की सैलरी भी नहीं दे पाई है। हालांकि उसने

घोषणा की है, कि वो दिवाली से पहले वेतन का भुगतान कर देगी।

 

हालांकि पहले वित्त मंत्रालय एमटीएनएल और बीएसएनएल को चलाने के पक्ष में नहीं था और इनको बंद करने की सिफारिश

की थी। कैबिनेट बैठक से पहले ही अमित शाह की अध्यक्षता में बने मंत्रियों के समूह ने दोनों कंपनियों के रिवाइवल प्लान

को मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्रालय ने प्रस्ताव के 80 बिंदुओं पर असहमति जताई थी।

 

दूरसंचार उद्योग में आ रही हैं दिक्कतें

प्रसाद ने कहा कि इस वक्त दूरसंचार सेक्टर में कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं, जिनको दूर करने का प्रयास सरकार

कर रही है। हालांकि उन्होंने आगे कहा कि सेवा प्रदाता कंपनियों को अपने नेटवर्क का अपग्रेड करना होगा, ताकि

ग्राहकों को अच्छी सेवाएं मिल सकें।

 

सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के लाखों कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन दिवाली से पहले

मिल जाएगा। दोनों कंपनियों के प्रबंधन ने इस बात की घोषणा कर दी है। एमटीएनएल ने कर्मचारियों से कहा है कि उनको

बकाया वेतन 25 अक्तूबर तक मिल जाएगा।

 

अगस्त-सितंबर का बकाया है वेतन

बीएसएनएल के 1.58 लाख कर्मचारियों को अभी सितंबर माह की सैलरी नहीं मिली है। वहीं एमटीएनएल के 22 हजार

कर्मचारियों को सितंबर के अलावा अगस्त माह की सैलरी भी नहीं मिली है। इस घोषणा के बाद एमटीएनएल के कर्मचारियों

ने अपने धरना प्रदर्शन को भी स्थगित कर दिया है।

 

जारी किया पत्र

एमटीएनएल के जीएम एचआर एंड लीगल संदीप केशकर ने पत्र लिखकर कहा है कि अगस्त 2019 की सैलरी कर्मचारियों

को 25 अक्तूबर 2019 से पहले मिल जाएगी। एमटीएनएल के कर्मचारियों को जुलाई का वेतन 20 अगस्त को दिया गया था।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।