रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन (General Secretary) के प्रभार वाले राज्य में भाजपा की

लुटिया डूब गई है। या ये कहा जाए की अनिल जैन (Anil Jain) के पास जिस राज्य का प्रभार रहा है

वहां से पूर्ण बहुमत में सत्तासीनो होने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा है । ताजा मामला हरियाणा

का है। अनिल जैन हरियाणा के प्रभारी है और हरियाणा (Hariyana) में भाजपा सरकार बनाने के जादूई

आंकड़े से बहुत दूर है। इसके पहले अऩिल जैन के प्रभारी रहते हुए छत्तीसगढ़ में 2018 (1018 Election)

में चुनाव हुए थे और 15 साल से सत्ता में काबिज भाजपा की इतनी बुरी हालत हो गई की 15 सीट (15 seat)

पर सिमट गई।

 

अनिल जैन के प्रभार वाले राज्य में भाजपा की क्यों डूबी नाव!

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अनिल जैन छत्तीसगढ़ और हरियाणा राज्य के प्रभारी है उनके रहते हुए दोनों

राज्यों में चुनाव हुए है और दोनों राज्यों से भाजपा को करारी हार (Defeat) का सामना करना पड़ा है।

हार के पीछे की कई वजहों में एक वजह अनिल जैन खुद है। दरअसल अनिल जैन राज्य के प्रभारी तो हो

जाते है लेकिन उनकी जमीनी स्तर पर पकड़ नहीं बन पाती है क्योंकि अनिल जैन को जितनी मेहनत संगठन

को मजबूत करने और जमीनी हकीकत को जानने में करनी चाहिए वो उतनी करते नहीं है हरियाणा के पहले

जब छत्तीसगढ़ के चुनाव हुए थे तब भी अनिल जैन प्रभारी रहे है उस दौरान अनिल जैन का छत्तीसगढ़ का

दौरा तय होता था लेकिन आखिरी वक्त में दौरा रद्द हो जाता था। उन्होंने छत्तीसगढ़ के कार्यकर्ताओं से हमेशा

दूरी बनाकर रखी। स्थिति ये है कि छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेताओं (Local Leader) से उनका सीधा संवाद तक

नहीं है। आलम ये था कि अऩिल जैन दिल्ली से रायपुर आते और पदाधिकारियों की बैठक की औपचारिकता

पूरी कर चले जाते थे। अऩिल जैन का रवैया कमोवेश हरियाणा में भी एक जैसा रहा है। सिर्फ इतना फर्क

रहा कि अनिल जैन ने हरियाणा अपना समय दिया लेकिन भाजपा के पक्ष में परिणाम नहीं ला पाये।

 

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