रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन (Chhattisgarh Medical Services Corporation),

सीजीएमएससी (CGMSC) को दवा खरीदी में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक रेट मिल रहे हैं। जिन कंपनियों

ने सीजीएमएससी (CGMSC) में दवाओं की आपूर्ती के लिए टेंडर भरा है वही कंपनी अन्य राज्यों को दवाएं

छत्तीसगढ़ से सस्ते दामों पर दवाएं बेच रही हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के लिए इन दवाओं के दाम दोगुने तय किए

गए हैं।

 

इसका खुलासा सीजीएमएससी की साइट पर अपलोड किए गए टेंडर से होता है। हालांकि इस बारे में

अधिकारियों का कहना है कि टेंडर में जो भी रेट भरे जाते हैं उन्हें विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना

ही पड़ता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है।

 

TRP ने किया था खुलासा

आपको बता दें कि सीजीएमएससी (CGMSC) के माध्यम से हर साल करीब 4 सौ करोड़ रुपए की दवा

और उपकरणों की खरीदी की जाती है। ऐसा पहली बार नहीं है कि सीजीएमएसी में दवा खरीदी को लेकर

शिकायत आ रही है। इससे पहले टीआरपी ने सीजीएमएसी का वैसलीन घोटाला भी प्रकाशित किया था।

 

जिसमें 42 रुपए की वैसलीन 160 रुपए में खरीदी गई थी। जिससे स्वास्थ्य विभाग को 1 करोड़ 55 लाख से भी

ज्यादा की चपत लग चुकी है। अब ऐसी जानकारी आ रही है कि दवा खरीदी के लिए जारी की गई हर निविदा में

आधी चयनित दवाओं की दर अन्य राज्यों की तुलना में 35 से 45 प्रतिशत अधिक है।

 

नहीं हैं दवाओं के जानकार

आपको बता दें कि विभाग के निर्माण शाखा के इंजीनियर को ही दवा क्रय समिति में शामिल किया गया है

जो कि इंजीनियर है। जबकि क्रय समिति में दवाओं के जानकार का होना आवश्यक है। इतना ही नहीं

सीजीएमएससी की निविदाओं में कुछ गिनी चुनी कंपनिया ही निविदा में भाग लेती हैं। कुछ साल पहले तक

80 दवा कपनियां यहां की टेंडर प्रक्रिया में शामिल होती थी, अब 22 रह गई हैं। कई बार दवाओं की खरीदी

एकल निविदा के आधार पर भी कर दी जाती है।

 

निविदा फाइनल करने में 6 माह का समय

अस्पतालों (Hospital) में दवाईयों का टोटा रहता है इधर सीजीएमएससी द्वारा दवाओं के टेंडर फाइनल करने में ही

6 माह से अधिक का समय लगता है। इतना ही नहीं निविदा जारी होने के बाद निविदा की अंतिम तिथि में कई बार

बदलाव किया जाता है। इसी में शुरू होता है कमीशन का खेल टेंडर की शर्तें कंपनी के आधार पर बदली जाती हैं

ताकि कमीशन मिल सके।

 

फिलहाल दवाओं की खरीदी नहीं हुई है

निविदा में कंपनियां जो भी दर भरती हैं उन्हें प्रक्रिया के तहत वेबसाइट पर अपलोड करना ही होता है। बाद में ही

आगे की प्रक्रिया पूरी की जाती है। फिलहाल दवाओं की खरीदी नहीं की गई है। भुवनेश यादव, एमडी, सीजीएमएससी

 

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