नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) दीवाली की छुट्टी के बाद 4 नवंबर से अगले 8 वर्किंग डेज (8 working days) में देश की सियासत को हिला देने वाले फैसले सुना सकती है। सुप्रीम कोर्ट की छुट्टियां 4 नवंबर (holidays) को खत्म हो रही है और 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर हो रहे है। ऐसे में सीजे की अध्यक्षता में बनी पांच जजों की पीठ रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद समेत चार महत्वपूर्ण मामलों पर फैसला सुना सकती है। जिसपर राजनैतिक पार्टियों के साथ ही देश की जनता की निगाहें टिकी हुई है कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला क्या होगा।

 

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद।

रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन (Ram janmbhumi-babri masjid) विवाद मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला देश की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक क्षेत्र में बड़ा प्रभाव  छोड़ेगा। जिसपर 16 नवंबर को फैसला आने की उम्मीद है।  सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन लगातार सुनवाई के बाद सीजेआई की पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुप्रीम कोर्ट के सबरीमाला पर फैसला नज़र।

सबरीमाला अयप्पा मंदिर (Sabrimala Ayappa temple) में महिलाओं के प्रवेश देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 65 याचिकाओं पर फैसला आना है। सीजेआई की पांच जजों की पीठ ने छह फरवरी को 65 याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसमें 57 याचिकाएं अदालत को 28 सितंबर, 2018 के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए दाखिल की गई थीं और 8 याचिकाएं हर उम्र की महिलाओं को सबरीमाला के अंदर प्रवेश की अनुमति देने के खिलाफ दाखिल की गई थीं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि भगवान अयप्पा ब्रह्मचारी हैं इसलिए 10 से 50 साल के बीच की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं देनी चाहिए।

आरटीआई के दायरे में सीजेआई होगा या नहीं।

सीजेआई के अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने चार अप्रैल को उस अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसमें सीजेआई ऑफिस को आरटीआई (RTI) के तहत लाने की अनुमति देने के लिए याचिका दाखिल की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट राफेल पर सुनाएगी फैसला।

सीजेआई की अध्यक्षता में बनी तीन जजों की पीठ पिछले साल दिए अपने फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला देगी। पिछले साल फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान (36 Rafale) खरीदने में एनडीए सरकार द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार और अनियमितता के खिलाफ याचिका दाखिल की गई थी। जिसपर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सरकार को क्लीनचिट दी थी। अदालत को अपने इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए याचिका दाखिल की गई है। इस पर फैसला आने का इंतजार है।

चौकीदार चोर पर आएगा फैसला !

इसके अलावा, न्यायमूर्ति गोगोई की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उनकी “चौकीदार चोर है” (Chokidar Chor) टिप्पणी को गलत तरीके से शीर्ष अदालत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक अवमानना ​​कार्यवाही (Criminal Defemation) की मांग पर अपना फैसला सुनाएगी।

 

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