टीआरपी न्यूज/मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर पल पल सियासी दलों के मिजाज बदल रहे हैं। क्या भाजपा शिवसेना गठबंधन फिर साथ आएंगे या फिर मराठा छत्रप शरद पावर किंग मेकर साबित होंगे।

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद भी प्रदेश में नई सरकार का गठन नहीं हुआ है।

खास बात यह है कि 9 नवंबर को महाराष्ट्र में मौजूदा फडणवीस सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है। अगर 8 नवंबर तक सरकार नहीं बनी तो इसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा।

गठजोड़ की जद्दोजहद हर पल एक नया मोड़ ले रही है। कभी बीजेपी के पाले में गेंद नजर आती है तो कभी शिवसेना के। इस बीच एनसीपी भी महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आ रही है।

इन सबमें जो सबसे ज्यादा खास बात है वो ये कि लंबे समय से सहयोगी दल के रूप में चल रही बीजेपी-शिवसेना दोनों अपने-अपने रुख पर अड़े हैं।

शिवसेना और एनसीपी के बीच पक रही है सियासत की खिचड़ी

बुधवार सुबह एक बार फिर महाराष्ट्र की सियासत गर्माई। वजह थी शिवसेना और एनसीपी के बीच खास मुलाकात। ये मुलाकात उस वक्त हुई है जब प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महज 48 घंटे का वक्त बचा है।

मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा है कि अगर बीजेपी की वजह से प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगता है तो ये प्रदेश की जनता के साथ अन्याय होगा।

सूत्रों की मानें तो राउत और एनसीपी के बीच खिंचड़ी पकती दिखाई दे रही है। हो सकता है देर शाम तक शिवसेना राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दे।

पवार पहले भी दे चुके हैं इशारा

शरद पवार पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो शिवसेना को सपोर्ट करने को तैयार हैं। वो भी उनकी शर्तों के साथ। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवसेना, एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।
कांग्रेस बाहर से समर्थन कर सकती हैं।

हालांकि, यह अटकलें हैं. इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की थी। बीजेपी नेताओं की आज बैठक भी होगी।

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