रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘लोकवाणी’ के चौथे प्रसारण में ’नगरीय विकास

का नया दौर’ विषय पर प्रदेश की जनता के सवालों का जवाब दिया तथा नगरीय क्षेत्रों में शासन द्वारा किए जा

रहे विकास कार्यो एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि शहरों का

नियोजित विकास, उत्साह से भरपूर और खुशनुमा वातावरण का निर्माण हमारी प्राथमिकता है।

 

पेयजल और नगर की बसाहट बुनियादी जरूरतें

मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास के संबंध में लोगों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि नगरीय क्षेत्रों

में वर्षा जल संचय और नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने अनेक योजनाओं संचालित है। उन्होंने कहा

कि पेयजल और नगर की बसाहट बुनियादी जरूरतें हैं। सच में भू-जल स्तर का गिरना चिंता का विषय है और

इसका सबसे बड़ा कारण हमारे शहरों का विकास, सीमेंट कांक्रीट के जंगल की तरह किया जाना है।

 

छत्तीसगढ़ तरिया, तालाबों, जलाशयों, नदियों-नालों और जलप्रपातों का है प्रदेश

शहरों के बहुत से हिस्से, घरों, व्यवसायिक भवनों, सड़कों आदि के कारण इतने ठोस हो गए हैं कि बरसात का

पानी भी जमीन के भीतर नहीं जा पाता। भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है कि सतह का

पानी रिस-रिसकर जमीन के भीतर जाए। छत्तीसगढ़ को तरिया का, तालाबों का, जलाशयों का, नदियों-नालों का,

जलप्रपातों का प्रदेश कहा जाता रहा है।

 

लम्बे अरसे तक सही सोच और सही योजना के बिना ही निर्माण कार्य हुए

विडम्बना है कि एक लम्बे अरसे तक सही सोच और सही योजना के बिना ही निर्माण कार्य किए जाते रहे हैं।

ऐसे निर्माण कार्यों की वजह से हमारी जमीन की रिचार्जिंग क्षमता कम होती गई और भू-जल स्तर गिरते-गिरते

अब खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है। हमारी सरकार ने नियमों में संशोधन करके अब प्रत्येक आवासीय,

वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है। पूर्व में निर्मित भवनों में

भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की गई है।

 

6 प्रकार की रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की दर राज्य सरकार ने निर्धारित की

छह प्रकार की रेन वाटर हार्वेस्टिंग यूनिट की दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की गई है और सैकड़ों

एजेन्सियों तथा स्व-सहायता समूहों को आगे किया गया है कि वे एक माह के भीतर सभी जगह

रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था करें। हम चाहते हैं नए भवनों में बिजली कनेक्शन भी तभी दिया जाए,

जब रेन वाटर हार्वेस्टिंग की यूनिट वहां लगा दी जाए।

 

राज्योत्सव में छत्तीसगढ़िया कलाकारों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान

मुख्यमंत्री ने कहा कि साइंस कॉलेज के मैदान में जिस तरह विशाल जनसमुद्र उमड़ा, उसने हमारे हर

फैसले पर मुहर लगा दी है। जहां तक उपलब्धि का सवाल है, तो तीन प्रमुख उपलब्धियां हैं। पहली

उपलब्धि कि हमने अपने लक्ष्य के अनुरूप नई उद्योग नीति 2019-2024 जारी कर दी है। दूसरी

उपलब्धि छत्तीसगढ़िया कलाकारों की प्रतिभा ने यह साबित कर दिया है कि उनके कार्यक्रम किसी

सेलीब्रिटी के मोहताज नहीं और तीसरी उपलब्धि कि छत्तीसगढ़ को अपना राज्यगान मिल गया।

 

छत्तीसगढ़ के महान जनकवि डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा ने जब ‘अरपा-पैरी के धार-महानदी हे अपार. गीत

की रचना की थी, तब उन्हें पता नहीं था कि यह गीत कैसे-कैसे जन-जन की जुबान में चढ़ेगा और

एक दिन ऐसा आएगा कि स्वयं यह गीत राज्य गीत का गौरव पाएगा। लोकवाणी का ’

आदिवासी विकास: हमारी आस’ विषय पर आगामी प्रसारण 8 दिसम्बर 2019 को होगा।

 

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