मंदिरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट से गुरूवार को अहम फैसला आया है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश

पर रोक नहीं होगी। वहीं इस मामले को बड़ी बैंच को भेज दिया गया है। हालांकि हमारे देश में कई मंदिर ऐसे हैं

जहॉ पुरुषों का प्रवेश बैन है।

 

भारत में कई ऐसी धार्मिक जगहें हैं, जहां महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है, उन्हें अंदर प्रवेश करने की

इजाजत नहीं है। लेकिन बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां पुरुषों के

प्रवेश पर रोक है, अगर प्रवेश करने की इजाज़त है भी तो सिर्फ कुछ खास दिनों में ही।

 

आइये जानते है देश में आठ ऐसे मंदिर के बारे में जहां पुरुषों के आने पर रोक है।

 

अट्टुकल मंदिर केरल :

केरल के अट्टुकल मंदिर में महिलाएं ही पूजा कर सकती हैं। यहां पुरुष नहीं जा सकते। ये मंदिर ऐतिहासिक

महत्व रखता है। पोंगल के त्योहार में यहां 30 लाख महिलाओं ने शिरकत की थी, जिसके चलते यह मंदिर गिनीज़

वर्ल्ड बुक में भी शामिल हो गया।

 

भगवती मां मंदिर :

कन्याकुमारी के इस मंदिर में माँ भगवती के कन्या रूप की पूजा की जाती है। इस मंदिर में पुरुष परिसर तक

में भी नहीं जा सकते। दर्शन के लिए अगर महिलाओं के साथ कोई पुरुष आ जाते हैं तो उन्हें मंदिर परिसर के

बाहर ही रोक दिया जाता हैं।

 

त्र्यंबकेश्वर मंदिर :

नासिक में मौजूद त्र्यंबकेश्वर मंदिर एक ऐसा मंदिर हैं जहाँ एक सीमा के बाद महिलाओं को जाने की इजाजत

नहीं थी लेकिन पुरुष जरूर जा सकते थे। जब ये मामला बाम्बे हाईकोर्ट में पहुंचा तो पुरुषों के भी आंतरिक

परकोटे में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई।

 

 

ब्रह्मा मंदिर :

आज आपकों अवगत कराते है पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर से जो की 14 वीं शताब्दी में बनाया गया था। ब्रह्मा

मंदिर में शादीशुदा पुरुषों को प्रवेश की अनुमति नहीं थी। यह पूरे विश्व में एक अकेला मंदिर ऐसा है जो

ब्रम्हा का है। पुराणों के अनुसार भगवान ब्रह्मा ने पुष्कर झील में पत्नी देवी सरस्वती के साथ एक यज्ञ किया था।

 

लेकिन देवी सरस्वती किसी बात को लेकर नाराज हो गईं। तब उन्होंने मंदिर को शाप दिया कि किसी

विवाहित व्यक्ति को आंतरिक परकोटे में जाने की इजाजत नहीं होगी अन्यथा उसके वैवाहिक जीवन में

समस्या उत्पन्न हो जाएगी। यही कारण है कि कुंवारे पुरुष तो मंदिर में जा सकते हैं लेकिन विवाहित पुरुषों

का प्रवेश वर्जित है।

 

 

संतोषी मां मंदिर :

संतोषी मां का व्रत केवल महिलाएं और कुंवारी लड़कियां ही रखती हैं। इस समय उन्हें खट्टी चीज़ें खाने की

अनुमति नहीं होती। बेशक पुरुष संतोषी मां की पूजा तो कर सकते हैं लेकिन शुक्रवार को संतोषी मां के किसी

भी मंदिर में उनका प्रवेश वर्जित होता है।

 

 

माता मंदिर मुजफ्फरपुर :

बिहार के मुजफ्फरपुर में स्तिथ माता मंदिर में भी एक तय समय में ही पुरुषों को परिसर में प्रवेश करने

की अनुमति है कानून इतने कड़े हैं कि मंदिर के पंडितों को भी इस समय आने नहीं दिया जाता। केवल

महिलाएं ही हैं, जो यहां आ सकती हैं।

 

 

कामरूप कामाख्या मंदिर :

इस मंदिर में महिलाओं को केवल मासिक धर्मचक्र के दौरान परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं  है। इस

मंदिर की एक खास बात यह भी है की यहाँ केवल महिला पुजारी या संन्यासी ही मंदिर की सेवा करते हैं।

ऐसी मान्यता है कि भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से मां सती को आधे में काट दिया था, जहां पर यह

मंदिर बनाया गया हैं।

 

 

छक्कूलाथुकावु मंदिर :

केरल के छक्कूलाथुकावु मंदिर में महिलाओं की पूजा होती है। यह मां भगवती का मंदिर है जो दुर्गा का

अवतार मानी जाती हैं। इस मंदिर की एक प्रथा यह भी है यहाँ के पंडित दिसंबर के महीने में महिलाओं के

लिए दस दिन का उपवास रखते हैं। और पहले शुक्रवार को महिला श्रद्धालुओं के पैर धोते हैं। इस दिन को

धनु कहा जाता है। वहीं नारी पूजा के दिनों में पुरुषों का यहां आना वर्ज़ित है।

 

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