टीआरपी डेस्क। देश में जहां महिलाओं के साथ गैंगरेप के बाद हत्या के मामले रोज सामने आ रहे हैं उस

वक्त महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने संसद में ऐसा जवाब दिया है, जो चौंकाने वाले हैं। मंत्रालय ने संसद

को बताया कि रेप पीड़िताओं के लिए बनाया गया निर्भया फंड का ज्यादातर हिस्सा इस्तेमाल ही नहीं हुआ।

राहत वाली बात ​तो ये है कि जिन राज्यों ने निर्भया फंड का इस्तेमाल किया है उनमें छत्तीसगढ़ भी

शामिल है।

 

बता दें कि ये जवाब मंत्रालय की ओर से 29 नवंबर को मंत्री स्मृति ईरानी ने दिया है।बता दें कि 2011 में

दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप की घटना के बाद केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर निर्भया फंड

बनाया था। लोकसभा में शुक्रवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने निर्भया फंड के खर्च

का ब्योरा दिया।

 

राज्यों का ब्योरा :

मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र, दिल्ली,मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, त्रिपुरा के अलावा दमन और दीव सरकारों

ने केंद्र द्वारा दिए निर्भया फंड से एक भी पैसा खर्च नहीं किया, वहीं उत्तर प्रदेश ने 119 करोड़ रुपए में से

केवल छह करोड़ खर्च किए। तेलंगाना ने 103 करोड़ रुपए में से केवल चार करोड़ खर्च किए। आंध्र प्रदेश

ने 21 करोड़ में 12 करोड़ बचाए तो बिहार ने 22 करोड़ में से 16 करोड़ बचा लिए।

 

20 राज्यों ने ही बनाए हेल्पलाइन :

देशभर के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से केवल 20 ने ही महिला हेल्पलाइन बनाने में पैसे खर्च

किए हैं। हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और गोवा जैसे

राज्यों को महिला हेल्पलाइन के लिए दिए पैसे जस के तस पड़े हैं।

 

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत आंध्र प्रदेश को दिए 58.64 करोड़ रुपयों में से

एक भी पैसा खर्च नहीं किया गया, जबकि केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा 11 राज्यों को दिए फंड में से किसी भी

राज्य ने एक पैसा खर्च नहीं किया। इसी तरह केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने जिन 12 राज्यों को

फंड दिए उनमें से 8 राज्यों ने उस पैसे का कोई इस्तेमाल नहीं किया।

 

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