मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता के माध्यम से आम जनता के सवालों के दिए जवाब

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को मासिक रेडियो वार्ता ‘लोकवाणी’ की 5वीं कड़ी की शुरूआत

‘जय जोहार’ के सहज अभिवादन के साथ की। उन्होंने लोकवाणी के माध्यम से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों, वनांचल

तथा आदिवासी अंचलों की जनता से सीधे संवाद पर अपनी प्रसन्नता भी जाहिर की।

 

बघेल ने रेडियो वार्ता के दौरान अमर शहीद वीर नारायण सिंह को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान दिवस

10 दिसम्बर को है। इसी प्रकार 18 दिसम्बर को गुरू बाबा घासीदास की जयंती और 25 दिसम्बर को प्रभु यीशु का

जन्म दिवस क्रिसमस है। मुख्यमंत्री ने अमर शहीद वीर नारायण सिंह, गुरू बाबा घासीदास और प्रभु यीशु को नमन

करते हुए उनसे प्रदेश की खुशहाली के लिए आशीर्वाद की कामना की।

 

 

बघेल ने ‘लोकवाणी’ में आदिवासियों की गौरवशाली संस्कृति और परम्परा, वनोपज पर आधारित उनकी

आजीविका, राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जनजातियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों, आदिवासियों

के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा आदि विषयों पर प्रदेशवासियों के साथ अपने विचार साझा किए। श्री बघेल

ने रेडियो वार्ता में श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

‘आदिवासी विकास-हमारी आस’

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में लगभग एक तिहाई आबादी अनुसूचित जनजातियों की

है। इन्होंनेे अपनी सोच, अपनी परंपरा, अपनी संस्कृति तथा अपने योगदान से छत्तीसगढ़ को एक विशेष पहचान दी

है। अनुसूचित जनजाति के लोग अपनी जिन्दगी में रमे होते हैं। अपनी आकांक्षाएं मुखर करने में भी संकोच करते हैं।

 

इसलिए आज के लोकवाणी का विषय ‘आदिवासी विकास-हमारी आस’ अत्यंत महत्वपूर्ण है। बघेल ने नारायणपुर के

फरश कुमार तथा रामजी धु्रव के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश में तेन्दूपत्ता संग्रहण

मजदूरी को 2500 से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा कर दिया है, ताकि संग्राहकों की आमदनी में तुरंत और

सीधी बढोत्तरी हो जाए। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्ष 2019 में 15 लाख मानक बोरा से अधिक तेन्दूपत्ता

संग्रहण हुआ, जिसके एवज में 602 करोड़ रूपए मजदूरी का भुगतान किया गया। यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में

226 करोड़ रूपए अधिक है।

अबूझमाड़ में पहुंचेगी विकास की रौशनी

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी रेडियोवार्ता में कहा कि राज्य सरकार ने पहली बार अबूझमाड़ का राजस्व सर्वे करने का निर्णय

लिया है। राज्य सरकार प्राथमिकता से यहां सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल और शिक्षा जैसी सारी सुविधाएं पहुंचाएगी।

 

इस समय नारायणपुर-ओरछा, नारायणपुर-धौड़ाई-कन्हार गांव-बारसूर, नारायणपुर-सोनपुर-कोंगे जैसी अनेक सड़कों

का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी लंबाई लगभग 250 किलोमीटर तथा लागत लगभग 300 करोड़ रूपए है। इसके

अलावा भी एक दर्जन से अधिक सड़कों का निर्माण 150 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा है, जिसमें ओरछा-

गुदाड़ी-कोडोली- गारपा-आकाबेड़ा-किहकाड़ आदि स्थानोें पर पहंुचाना आसान हो जाएगा और करीब 20 करोड़

रूपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, कन्या छात्रावास, शाला भवन के कार्य चल रहे हैं।

बस्तर की जीवनदायिनी इन्द्रावती को बचाने प्राधिकरण का गठन

मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ‘नरवा, गरूवा, घुरवा, बारी‘ महाभियान की चर्चा करते हुए कहा कि नरवा योजना में नालों के

साथ हर तरह के जलाशयों को हमें बचाना है। नदी, नाले, झील, तालाब, कुएं और ऐसी हर संरचना जिससे बारिश का

पानी बहने से रूके, भू-जल की रिचार्जिंग हो, नए जल स्त्रोत मिलें, ऐसे सारे उपाय किए जा रहे हैं। बस्तर की जीवनदायिनी

नदी इन्द्रावती को बचाने के लिए प्राधिकरण का गठन किया गया है।

आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा के बड़े फैसले

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की बागडोर सम्हालते ही सबसे बड़ा फैसला लोहण्डीगुड़ा में आदिवासियों की जमीन

वापस करने का था। अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी से गैर-आदिवासी को भूमि क्रय करने की अनुमति नहीं दी जा रही

है। पूर्व में इस प्रकार के जो अंतरण हुए हैं, उनमें भी न्याय दिलाने की पहल की गई है और आदिवासी भूमिस्वामी को

पुनः अधिकार दिए गए हैं। अधिसूचित क्षेत्रों में आदिवासी समाज के सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकारों का

पूर्णतः संरक्षण किया जा रहा है। पेसा कानून के अंतर्गत ग्राम सभा की महती भूमिका है। ग्राम सभा की अनुमति के बाद

ही सभी शासकीय, अशासकीय भू-अर्जनों की कार्यवाही की जा रही है।

जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को बनाया गया सरल

बघेल ने रेडियोवार्ता में कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में पेसा कानूनों को प्रभावी बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन

किया गया है। जाति प्रमाण-पत्र बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए पिता की जाति के आधार पर नवजात को जाति

प्रमाण पत्र दिए जा रहे हैं।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 27, 28 और 29 दिसंबर को

मुख्यमंत्री ने रेडियोवार्ता में कहा कि आदिवासी लोक कलाओं की देश दुनिया में पहचान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय

आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन रायपुर में 27, 28 और 29 दिसंबर को किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि

संस्कृति और परम्पराएं हमारी माँ के सामान है। आदिवासी समाज के प्रकृति और संस्कृति से जुड़ाव पर हमें गर्व है।

 

धरती के संसाधनों हवा, पानी, पर्यावरण को बचाने आदिवासी समाज के योगदान पर हमें गर्व है। नृत्य दलों के गठन के

लिए ब्लॉक, जिला और संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं में आदिवासी समाज का उत्साह और जुड़ाव देखने को मिला।

राष्ट्रीय आयोजन में भी इसी तरह युवाओं का कौशल और उत्साह देखने को मिलेगा।

नई औद्योगिक नीति “गढ़बो नवा छत्तीसगढ़” की मूल भावना पर आधारित

मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता में कहा कि राज्य सरकार की नई औाद्योगि नीति ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ की मूल भावना पर

आधारित है। इस नीति के माध्यम से आदिवासी अंचलों के विकास में तेजी आएगी और रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।

किसानों को धान की कीमत 2500 रूपए प्रति क्विंटल मिलेगी

बघेल ने रेडियोवार्ता में कहा कि प्रदेश में धान की खरीदी एक दिसम्बर से प्रारंभ हो चुकी है। राज्य सरकार ने पूरी व्यवस्था .

कर रखी है कि किसानों की जेब में 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से पूरी राशि जाए। किसानों को धान का मूल्य 2500

रूपए प्रति क्विंटल की दर से मिलेगा। केन्द्र के नियमों के तहत फिलहाल केन्द्र द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी

की जा रही है।

 

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