नई दिल्ली। दिल्ली के जिस अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह भीषण आग लगी, वहां की गलियां

बहुत संकरी हैं। साथ ही, आसपास पानी का साधन भी नहीं है, जिस कारण दमकल की गाड़ियों को

दूर-दूर से पानी लाना पड़ा। मौके पर पहुंचे डेप्युटी चीफ फायर ऑफिसर ने बताया कि उन्हें जब आग

लगने की जानकारी दी गई तो सिर्फ यह बताया गया था कि एक बिल्डिंग में आग लग गई है, यह नहीं

बताया गया कि वहां लोग फंसे हैं। बहरहाल, बिल्डिंग मालिक के भाई को हिरासत में ले लिया गया है।

कहा जा रहा है कि आग शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। बहरहाल, इस भयावह घटना में 43 लोगों की

जानें जा चुकी हैं जबकि कई अन्य पीड़ितों की हालत नाजुक है।

मरने वालों में जयादातर यूपी बिहार के

 

 

डेप्युटी फायर चीफ सुनील चौधरी ने बताया, ‘600 स्क्वैयर फीट के प्लॉट में आग लगी। यहां अंदर से बेहद

अंधेरा है। यहां फैक्ट्री है जहां स्कूल बैग, बोतलें और कई अन्य सामान रखे गए थे।’ उन्होंने कहा कि

रिहाइशी इलाके में अवैध तरीके से फैक्ट्री चल रही थी। उन्होंने कहा कि जब दमकल टीम मौके पर पहुंचीं तो

कमरों के अंदर से बचाओ-बचाओ की चीखें आ रही थीं। जब कमरों के दरवाजे खोले गए तो कुछ लोग अंदर

से निकल सके। मारे जाने वाले लोगों में ज्यादातर बिहार के बेगुसराय, समस्तीपुर जैसे जिलों से हैं। वहीं, कुछ

मृतक उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से बताए जा रहे हैं।

 

दमकल टीम को लोगों के फंसे होने की जानकारी नहीं थी

उन्होंने कहा, ‘अगर हमें बताया जाता कि यहां इतनी बड़ी संख्या में लोग फंसे हैं तो हम और ज्यादा दल-बल के

साथ यहां पहुंचते। उस स्थिति में ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी।’ चीफ फायर ऑफिसर के मुताबिक

50 से ज्यादा लोगों को निकाला जा चुका है, उनमें से ज्यादातर लोगों की जान बच जाएगी। हालांकि, जिन्हें निकालने

में देर हो गई, उनके बचने की उम्मीद काफी कम है क्योंकि धुआं इतना गहरा गया था कि दम घुटने की आशंका

बहुत ज्यादा है।

 

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