टीआरपी डेस्क। जलवायु परिवर्तन पर्यावरण के साथ-साथ इंसानों की जिंदगी पर भी सीधा असर डाल रहा है।

रिसर्च के मुताबिक जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्भवती महिलाएं वक्त से पहले बच्चों को
जन्म दे रही हैं। इस वजह से नवजात शिशुओं की जिंदगी भी खतरे में पड़ जाती है। अमरीका में जन्म
और मौसम का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन दिनों में तापमान 32 डिग्री सैल्सियस
से ज्यादा था उस दौरान जन्म दर 5 प्रतिशत तक बढ़ गई थी। इस दौरान बहुत से बच्चों का जन्म तय
समय से कुछ दिन पहले ही हो गया। कुछ बच्चे उम्मीद से 6 दिन या 2 हफ्ते पहले पैदा हो गए।
शोधकर्ताओं का मानना है कि गर्मी गर्भवती महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन का कारण बन सकती है।
इसकी वजह से बच्चा जल्दी पैदा हो जाता है। उल्लेखनीय है कि समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चों
का विकास पूरी तरह नहीं हो पाता और वे कम वजन, धीमा विकास जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से
जूझते हैं। शोधकर्ताओं के हिसाब से आने वाले वक्त में जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी बढ़
जाएगी और उस समय यह समस्या और गंभीर हो जाएगी।
ज्यादा देखभाल की होती है जरूरत :
लॉस एंजल्स के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने 56 मिलियन से अधिक
बच्चों के जन्म का अध्ययन किया। ये सभी बच्चे 1969 से 1988 के बीच अमरीका में पैदा हुए
थे। इस अध्ययन से वैज्ञानिकों को पता चला कि गर्म दिनों में जन्म दर काफी अधिक थी।
टीम के मुताबिक अमरीका में हर साल कम से कम 25,000 बच्चे तय वक्त से पहले पैदा
होते हैं। यू.के. में हर साल लगभग 60,000 बच्चे समय से पहले जन्म लेते हैं। वहीं दुनिया
भर में हर 10 में से एक बच्चे का जन्म समय से पहले होता है। दुनिया भर में हर साल करीब
1.5 करोड़ बच्चे समय से पहले पैदा होते हैं। समय से पहले पैदा हुए बच्चों के लिए खतरा
बहुत बढ़ा हुआ होता है। उन्हें ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है।
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