टीआरपी डेस्क। बचपन से लेकर अब तक… एक सवाल जो हर किसी के मन में एक बार जरूर आया

होगा-‘पौधे सजीव हैं, तो क्या उन्हें भी दर्द होता है’? इसके अलग-अलग  जवाब भी आपने सुने होंगे।

ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि मनुष्य या किसी अन्य जीव की तरह पौधों को दर्द नहीं होता।

हालांकि कोई भी पूरे विश्वास के साथ इसका उत्तर नहीं दे पाता। लेकिन अब दुनिया को इस सवाल का

जवाब मिला है। कैसे?

 

  • वैज्ञानिकों ने इस सवाल का जवाब दिया है। इसके लिए एक अनोखा प्रयोग किया गया।
  • ये प्रयोग इस्त्रायल के तेल अवीव विश्वविद्यालय (Tel Aviv University, Israel) के शोधकर्ताओं ने किया है।

 

क्या था प्रयोग?

  • ये प्रयोग तंबाकू और टमाटर के पौधों पर किया गया।
  • शोधकर्ताओं ने इन पौधों को पानी से दूर रखा। फिर इसके तने काटे।
  • इसके बाद पौधों से करीब 10 सेंटीमीटर की दूरी पर एक आधुनिक माइक्रोफोन रखा और पौधों की प्रतिक्रिया

को रिकॉर्ड करने की कोशिश की।

पेड़

क्या मिला परिणाम :

  • मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि पानी न मिलने, काटे जाने या पत्ते तोड़ने पर पौधों को तकलीफ होती है।
  • तकलीफ में होने पर इन पौधों से अल्ट्रासोनिक आवाजें आ रही थीं जो 20 से 100 किलोहर्ट्स के बीच थी। ये आवाजें कराहने की थीं,

जैसे कोई दर्द में हो।

  • टमाटर के पौधे से एक घंटे से ज्यादा तक 25 तरह की कराहने की आवाज आ रही थी। जबकि तंबाकू के पौधे से 15 तरह की।

 

कौन सुन सकता है इनकी आवाज?

  • जिस फ्रीक्वेंसी की ये आवाजें होती हैं, उन्हें कोई इंसान नहीं सुन सकता। लेकिन शोधकर्ताओं का कहना है

कि चमगादड़, चूहे और शायद दूसरे पौधे भी ये आवाजें सुन सकते हैं।

 

  • शोधकर्ताओं ने 35 मशीन लर्निंग मॉडल्स विकसित किए हैं, जो पौधों की आवाज और दूसरी आवाजों के

बीच अंतर पहचान सकते हैं।

 

  • ये मशीनें सूखने और कटने पर पौधों की आवाजों में अंतर भी पहचान सकती हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube  पर हमें subscribe करें। एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें।