चौकसी ने एंटीगुआ में ही पूछताछ की अपील की थी

मुंबई। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) कोर्ट ने मेहुल चौकसी की याचिका रद्द कर दी।

चौकसी चाहता था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एंटीगुआ जाकर उससे पूछताछ करे, पीएमएलए कोर्ट

ईडी को इसके निर्देश दे। 13700 करोड़ रुपए के पीएनबी घोटाले का आरोपी मेहुल चौकसी एंटीगुआ

में रह रहा है। उसने पिछले महीने याचिका दायर की थी। चौकसी की दलील थी कि वह यात्रा करने के

लिए फिट नहीं है। डॉक्टर ने यात्रा करने से मना किया है।

 

चौकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने का केस चल रहा :

चौकसी की यह अपील भी थी कि जब तक वह भारत आने के लिए मेडिकली फिट नहीं हो जाए तब तक

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की इजाजत दी जाए। उसकी दलील थी कि वह इलाज के लिए विदेश

गया, भारतीय कानून से बचने के लिए नहीं। पीएमएलए कोर्ट में चौकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी

घोषित करने का केस चल रहा है। ईडी ने इसकी अपील दायर की थी। भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून

के तहत नीरव मोदी इसी महीने भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। वह लंदन की जेल में है।

 

क्या है भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून ?

1. वत्तीय घोटाला कर रकम चुकाने से इनकार करने वालों पर इस कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

2. आर्थिक अपराध में जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो उन पर कार्रवाई का प्रावधान है।

3. 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के ऐसे लोन डिफॉल्टर्स जो विदेश भाग चुके हैं, उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

4. भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियां बेचकर भी कर्ज देने वालों की भरपाई का प्रावधान है।

5. कानून के मुताबिक, किसी आरोपी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए संबंधित एजेंसी

को विशेष अदालत में याचिका देनी होती है। आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूतों के साथ उसके पते-ठिकानों

और संपत्तियों का ब्यौरा भी शामिल होता है।

6. जब्त किए जाने योग्य बेनामी संपत्तियों और विदेशी संपत्तियों की सूची भी देनी पड़ती है। साथ ही

उसमें संपत्तियों से जुड़े अन्य लोगों की जानकारी भी शामिल होती है।

 

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