जगदलपुर। ताड़मेटला आगजनी कांड की जांच कर रहे जस्टिस टीपी शर्मा की अध्यक्षता

वाले विशेष न्यायिक जांच आयोग का कार्यकाल राज्य सरकार ने 31 मार्च 2020 तक के

लिए बढ़ा दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ शासन ने 16 दिसंबर को आदेश

जारी कर आयोग के कार्यकाल में की गई वृद्धि को अंतिम बताया है।

आयोग की ओर से 11 नवंबर 2019 को कार्यकाल समाप्त होने पर राज्य शासन को पत्र

लिखकर टीएमटीडी घटना में 103 गवाहों का बयान बाकी होने का हवाला देते हुए

कार्यकाल बढ़ाने की मांग थी।

इसके बाद शासन ने आखिरी अवसर आयोग को दिया है। 31 मार्च 2020 के बाद आयोग का

कार्यकाल नहीं बढ़ेगा। इसे देखते हुए आयोग को इसी समयावधि में बचे हुए गवाहों का बयान

दर्ज कर रिपोर्ट भी तैयार करना होगा। इसके पहले 22 जुुलाई 2019 को शासन की ओर से

आयोग के कार्यकाल में अंतिम समय वृद्धि करते हुए 11 नवंबर 2019 तक की समय-सीमा

तय की गई थी लेकिन आयोग का काम इस समय-सीमा में पूरा नहीं हो पाया।

यह है मामला

11 से 16 मार्च 2011 के बीच सुकमा जिले के ग्राम ताड़मेटला, मोरपल्ली और तिम्मापुर में

करीब 250 वनवासियों के मकान जला दिए गए थे। इस घटना के दस दिन बाद प्रभावित

ग्रामों के लिए निकले स्वामी अग्निवेश के काफिले पर 26 मार्च 2011 को दोरनापाल में

हमला हो गया था।

आगजनी के लिए पुलिस प्रशासन नक्सलियों को जिम्मेदार ठहराता रहा है जबकि

नक्सली पुलिस और सलवा जुडूम से जुड़े लोगों पर आरोप मढ़ते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट

के आदेश पर टीएमटीडी घटना की जांच पूरी हो चुकी है। राज्य शासन की ओर से

2011 में जस्टिस टीपी शर्मा की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्यीय विशेष

न्यायिक जांच आयोग भी इस घटना की जांच कर रहा है, जो अभी पूरी नहीं हो पाई है।

17-18 जनवरी को होगी अंतिम गवाही

कार्यकाल में वृद्धि के बाद आयोग ने 17 और 18 जनवरी 2020 को ग्राम ताड़मेटला के सभी

बचे हुए 103 ग्रामीणों को नोटिस जारी कर बयान के लिए बुलाया है। पहले दिन 17 जनवरी

को 53 और दूसरे दिन 18 जनवरी को 50 लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

 

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