रायपुर। रायपुर नगर निगम में बहुमत होने के बावजूद महापौर के
चुनाव को लेकर कांग्रेस में पेंच फंसता नजर आ रहा है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की
मानें तो राजधानी रायपुर के तीनों विधायकों ने भी अपनी पसंद के बारे में कोई राय नहीं
दी है। बताया जा रहा है कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी तीन जनवरी को रायपुर आएंगे,
जिसके बाद महापौर तय करने के लिए अंतिम मुहार लगाई जाएगी। हालांकि सीएम
भूपेश बघेल की पसंद पर ही अंतिम फैसला होना है पर पार्षदों की रायशुमारी कर
महापौर पद के चुनाव के लिए आम सहमति बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
रायपुर नगर निगम के महापौर उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए मुख्यमंत्री
बघेल को अधिकृत कर दिया है।

सता रहा है क्रास वोटिंग का डर

रायपुर नगर निगम में कांग्रेस के 34 और भाजपा के 29 पार्षद जीत कर आए हैं।
भाजपा ने महापौर पद के चुनाव में ​जीत की जिम्मेदारी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल
को सौंपी है। बताया जा रहा है कि भाजपा पांच निर्दलीय पार्षदों को अपने पक्ष में
कर लिया है। वहीं, दो पार्षद कांग्रेस के पाले में जाते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस को
रायपुर नगर निगम में सिर्फ दो पार्षदों के समर्थन की जरूरत है। वहीं, निर्दलीय
अमर बंसल और जितेंद्र अग्रवाल की गोपनीय बैठक पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल
के साथ हुई है। ये दोनों नेता निर्दलीय पार्षदों का नेतृत्व कर रहे हैं। ऐसे में
निदर्लीय पार्षदों की भूमिका गेमचेंजर साबित होने वाली है। वहीं अगर कांग्रेस में
महापौर पद के लिए आम सहमति नहीं बनती तो क्रास वोटिंग होने संभावना बनी
हुई है। यहीं वजह है कि कांग्रेस में जहां पार्षदों की आम सहमति बनाने की बात
कही जा रही है वहीं भाजपा महापौर चुनाव में कांग्रेस को मात देने में पूरा जोर
लगा रही है।

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