104 आरोग्य हेल्प-लाइन नंबर की घंटी बंद, महकमें पर है डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में मरीजों के उपचार की जिम्मेदारी!

टीआरपी न्यूज। प्रदेश की भूपेश बघेल सरकार अपनी ड्रीम परियोजना डॉ. खूबचंद बघेल

स्वास्थ्य योजना के क्रियान्वयन को लेकर देशभर में सुर्खियों में है,मगर स्वास्थ्य विभाग अभी

भी भाजपा शासन काल के दौर से उबर नहीं पाया है, ऐसा हम नहीं कर रहे हैं बल्कि स्वास्थ्य

एवं परिवार कल्याण एवं मेडिकल शिक्षा की आफिशियल वेबसाइट कह रही है।

 

विभाग की आफिशियल वेबसाइट 23 जनवरी 2019 के बाद अपडेट ही नहीं हुई है। विभाग ने

ना तो इस कालम में विभागीय रिलिज को अपडेट किया है और न ही डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य

योजना का कहीं अतापता है।

 

बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने कल ही घोषणा की थी कि सरकारी अस्पतालों में जिन बीमारियों का इलाज

योजनातंर्गत होगा, उनकी सूची स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट में देख देखी जा सकती है और अधिक

जानकारी के लिए 104 आरोग्य हेल्प-लाइन नंबर का हवाला दिया गया था।

 

 

ऐसे वे गरीब जो अपनी विभिन्न बीमारियों के इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पातलों में जाना चाहते हैं

उन्हें डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में शामिल बीमारियों और उन मिलने वाली पैकेज की जानकारी

नहीं मिल पा रही है। और ना ही 104 आरोग्य हेल्प-लाइन नंबर पर कोई शख्स जानकारी देने के लिए

उपलब्ध है।

 

इस मामले में जब टीआरपी ने स्वास्थ्य सचिव निकारिका बारीक के मोबाइल नं 9111015611 व

संचालक स्वास्थ्य विभाग नीरज बनसोड़ के मोबाइल नं 9424139900 पर कई बाद फोन

किया तो काल रिसीव नहीं किया गया।

 

सिंहदेव जी ऐसे में कैसे हो पाएगा सरकारी अस्पतालों के साधन-संसाधन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल

इधर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि, सरकार सरकारी अस्पतालों के साधन-संसाधन को ज्यादा

से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहती है, ताकि निजी अस्पतालों में योजना के तहत जा रही राशि या कहें इलाज

के खर्च को कम किया जा सके। मगर सरकारी अस्पताल में मरीजों के इलाज में लापरवाही और विभाग की

अफसरशाही को लीक लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को अभी बहुत कुछ करना बाकी है। तभी इस योजना

का लाभ आम छत्तीसगढ़ियां को मिल पाएगा।

 

115 बीमारियों के इलाज सिर्फ सरकारी अस्पतालों में

बता दें कि राज्य सरकार ने डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना के तहत 115 बीमारियों के इलाज के

पैकेज को सरकारी अस्पतालों के लिए आरक्षित कर दिया है।

 

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