टीआरपी न्यूज/नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए गए हैं। इनमें दो सबसे बड़े फैसले पूर्वोत्तर राज्य को लेकर लिया गया है।

कैबिनेट ने नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड को बेचने की मंजूरी दे दी है। वहीं, पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में गैस ग्रिड तैयार करने का भी फैसला हुआ है।
रेलवे के लिए इंग्लैंड के साथ एनर्जी को लेकर समझौते को भी कैबिनेट ने बुधवार को मंजूरी दे दी है। वहीं, कैबिनेट ने कोल माइनिंग में कमर्शियल माइनिंग का रास्ता साफ कर दिया गया है।
इसके लिए MMDR एक्ट में बदलाव करने का फैसला किया गया है। इसके लिए कैबिनेट ने अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।
इस नीलामी में वो कंपनियां भी हिस्सा ले सकेंगी जो स्टील सेक्टर और पावर सेक्टर में ना हो या सिर्फ माइनिंग करने का काम करती हो।
इसके लिए सरकार एमएमडीआर अधिनियम में बदलाव करेगी।
नीलांचल इस्पात विनिवेश को मंजूरी
इसके अलावा केन्द्रीय कैबिनेट ने गुजरात के जामनगर में आयुर्वेद संस्थान को इंस्टीट्यूट ऑफ इम्पोर्टन्स देने का फैसला भी किया है।
नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड में विनिवेश का जो फैसला हुआ है, उसके तहत MMTC, NMDC BHEL आदि के शेयर के कुछ हिस्से का विनिवेश किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले से नीलांचल स्टील प्लांट का विस्तार होगा। जानकारी के मुताबिक, नीलांचल इस्पात में MMTC की हिस्सेदारी 49.08 फीसदी, NMDC की हिस्सेदारी
10.10 फीसदी, मेकॉन और BHEL की हिस्सेदारी 0.68 फीसदी है। इसमें ओडिशा सरकार के दो पीएसयू की भी कुल 32.47 फीसदी हिस्सेदारी है।
पूर्वोत्तर में गैस ग्रिड
सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में 9,265 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही 1,656 किलोमीटर लंबी गैस ग्रिड के निर्माण के लिये 5,559 करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा देगी।
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