नई दिल्ली: अगर आप नौकरी -पेशा हैं तब ये न्यूज़ आप ही के लिए ही हैं। अगर आप नौकरी-पेशा हैं और आपकी सालाना सैलरी टैक्स में छूट की सीमा से ज्यादा है।

तो आप इस बात से अवगत होंगे कि कंपनियां जनवरी से ही आपकी सैलरी से ज्यादा TDS काटने लगती हैं। उल्लेखनीय है कि आयकर (Income Tax) Act के तहत

आपको हर साल एक सीमा तक निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है। आम तौर पर आपको निवेश के लिए ULIPs, जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा, ELSS mutual funds, PPF

जमा, home loan, एजुकेशन लोन, ट्यूशन फीस, एलटीए और एचआरए से जुड़े साक्ष्य प्रस्तुत करने होते हैं।

आयकर अधिनियम की धारा 80 (C) के तहत छूट प्राप्त करने के लिए आपको इन फंड में निवेश का साक्ष्य प्रस्तुत करना पड़ सकता हैः

  • LIC प्रीमियम की पेमेंट की रसीद
  • पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में निवेश का साक्ष्य
  • होम लोन की मूल राशि पर रिपेमेंट की रसीद
  • National Saving Certificate (NSC) में निवेश से जुड़ा साक्ष्य
  • दो बच्चों तक की ट्यूशन फीस
  • पांच साल से अधिक समय की FD का साक्ष्य
  • NPS एवं सुकन्या समृद्धि योजना में अंशदान का सबूत
  • अपने या अपने आश्रितों के लिए ULIP के प्रीमियम के भुगतान की रसीद
  • म्युचुअल फंड ईएलएसएस में निवेश का प्रुफ

ऐसे में अगर आपने अब तक पहले के Declaration के मुताबिक निवेश नहीं किया है।

और Income Tax की अधिक कटौती नहीं चाहते हैं तो आपको जल्द-से-जल्द निवेश करके ये दस्तावेज जमा करा देना चाहिए।

 

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