श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुलगाम में चेकिंग के दौरान हिज्बुल के दो आतंकियों के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक डीएसपी को भी गिरफ्तार किया है। डीएसपी देविंदर सिंह प्रेजिडेंट पुलिस मेडल विजेता हैं और आतंकियों के खिलाफ प्रभावी ऑपेरशन की वजह से उन्हें इंस्पेक्टर के पद से प्रमोट करके डीएसपी बनाया गया था। अफजल गुरु के मामले में भी उनका नाम चर्चा में आया था। दिल्ली के लिए निकले कार से हथियार भी बरामद किए गए हैं।

 

पिछले साल ही मिला था राष्ट्रपति पुरस्कार

देविंदर सिंह को पिछले साल ही 15 अगस्त राष्ट्रपति पुलिस मेडल से नवाजा गया था। वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के ऐंटी हाइजैकिंग स्क्वॉयड में शामिल थे। अभी उनकी तैनाती श्रीनगर इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर थी। इससे पहले 2001 में संसद पर हमले के बाद उनका नाम चर्चा में आया था। तब वह इंस्पेक्टर के रूप में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप का हिस्सा थे। ऐंटी टेरर ऑपरेशन के बाद उन्हें प्रमोट करके डीएसपी बनाया गया था। बाद में वसूली का आरोप लगा और देविंदर सिंह को एसओजी से अलग कर दिया गया। कुछ समय के लिए वह सस्पेंड भी रहे और फिर श्रीनगर पीसीआर में तैनाती मिली। बाद में उन्हें ऐंटी हाइजैकिंग स्क्वॉयड में शामिल किया गया और पिछले साल श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात किए गए।

 

घर से भी मिले हथियार

पुलिस अधिकारी इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, देविंदर की गिरफ्तारी के बाद श्रीनगर स्थित उनके आवास पर छापेमारी भी की गई। उनके घर से एक AK-47 रायफल, दो पिस्टल और तीन हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं। श्रीनगर में उनका आवास बादामी बाग स्थित आर्मी हेडक्वॉर्टर के नजदीक अतिसुरक्षित शिवपोरा में है। सूत्रों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में त्राल स्थित उनके पैतृक घर पर भी छापेमारी हुई है। वह चार दिन की छुट्टी पर थे।

 

अफजल गुरु ने लिया था नाम

देविंदर सिंह का नाम 2001 के संसद अटैक मामले में भी चर्चा में आया था। मुख्य आरोपी अफजल गुरु ने अपने वकील को तिहाड़ जेल से लिखे लेटर में कहा था कि बडगाम के हमहमा में तैनात डीएसपी देविंदर सिंह ने एक हमलावर मोहम्मद को दिल्ली ले जाने, एक फ्लैट किराये पर दिलाने और उसके लिए कार खरीदने के लिए दबाव डाला था। अफजल गुरु को 9 फरवरी 2013 में हुई फांसी के बाद अफजल के परिजनों ने इसे सार्वजनिक किया था।

 

नावीद भी था जम्मू-कश्मीर पुलिस का कॉन्सटेबल

 

दिलचस्प है कि पकड़ा गया आतंकी नावीद, जो अभी हिज्बुल का साउथ कश्मीर ऑपरेशनल कमांडर है, भी जम्मू-कश्मीर पुलिस में कॉन्सटेबल रह चुका है। वह 2017 में बडगाम स्थित फूड ऐंड सिविल सप्लाई डिपार्टमेंट स्टोर पर गार्ड ड्यूटी पर था। वह यहीं से AK-47 रायफल लेकर फरार हो गया था और हिज्बुल में शामिल हो गया। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, नावीद का हिज्बुल में कद काफी ऊंचा था। दक्षिण कश्मीर में वह वह डिविजनल कमांडर रियाज नायकू के बाद दूसरे नंबर पर आता था। वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है।

 

कुलगाम में नाके पर पकड़े गए

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने शनिवार दोपहर कुलगाम जिले के काजीगुंड में मीर बाजार के पास एक नाका लगाया था। दक्षिणी कश्मीर के डीआईजी अतुल गोयल के नेतृत्व में टीम ने एक कार को घेरा जिसमें दो आतंकियों के संग डीएसपी भी सवार थे। पकड़े गए आतंकियों में सैयद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू भी है, जो हिज्बुल का टॉप कमांडर है, जबकि दूसरा आतंकी आसिफ राथर तीन साल पहले आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। दोनों शोपियां के रहने वाले हैं। जिस सफेद मारुति कार में तीनों पकड़े गए उसमें से दो AK-47 राइफल और हैंड ग्रेनेड भी बरामद हुए हैं।

 

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