नई दिल्ली। कड़ी सुरक्षा और सीसीटीवी कैमरे की निगरानी के बावजूद निर्भया के दोषी विनय शर्मा ने तिहाड़ जेल में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। जेल सूत्रों और विनय के वकील एपी सिंह ने दावा किया कि यह घटना बुधवार सुबह की है। सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उसे बचा लिया। हालांकि, जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने ऐसी किसी घटना से इनकार किया है।

सूत्रों के अनुसार विनय को जेल के मेडिकल इंस्पेक्शन रूम में 24 घंटे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया। उधर, जेल सूत्रों का कहना है कि इस घटना के बाद गुरुवार को विनय और जेल नंबर 2 में बंद मुकेश, अक्षय और पवन को जेल नंबर 3 में फांसी घर के पास हाई सिक्योरिटी सेल में शिफ्ट कर दिया गया। यह आदेश 9 जनवरी का था, लेकिन अब तक लागू नहीं हुआ था। सूत्रों के अनुसार दोषी फांसी टलवाने के लिए खुद पर केस दर्ज करवाने की कोशिश में हैं। यह घटना उस नजरिये से भी देखी जा रही है।

5-6 फीट की ऊंचाई पर ही था फंदा, इसलिए बचा :

विनय जेल नंबर चार के सिंगल कमरे में बंद था। उसकी कोठरी और शौचालय के बीच सिर्फ एक पर्दा है। शौचालय में लोहे का छोटा सा खूंटीनुमा टुकड़ा लगा है। बुधवार सुबह 9 से 10 बजे के बीच उसने कपड़ों और गमछे से फंदा बनाकर उसमें फंसाया और गले में बांधकर लटकने की कोशिश की। फंदा 5-6 फीट की ऊंचाई पर ही होने के कारण वह लटक नहीं पाया। इसी दौरान किसी कैदी ने सुरक्षाकर्मियों को सूचना दे दी।

पवन के पिता भी कोर्ट पहुंचे :

दोषी पवन के पिता ने दिल्ली की एक कोर्ट में याचिका लगाई। उन्होंने एकमात्र गवाह के खिलाफ एफआईआर के आदेश से इनकार करने संबंधी मजिस्ट्रेट के आदेश को चुनौती दी है। इस पर 27 जनवरी को सुनवाई होगी।

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