भविष्य के हिसाब से लोकसभा में 900 और राज्यसभा में 400 सीटों की व्यवस्था होगी

नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतों के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। इस इलाके में संसद के दोनों सदनों के लिए ज्यादा सदस्यों की क्षमता वाली नई इमारतें बनाई जाएंगी। साथ ही केंद्रीय सचिवालय के लिए 10 नई इमारतें बनाई जाएंगी।

राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा। इस प्लान में बीते तीन महीने में छह बार बदलाव किए गए हैं। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भास्कर को बताया कि ये बदलाव सुझावों के मुताबिक किए गए हैं। अभी यह मास्टर प्लान अंतिम नहीं है।

सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक पुुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा। नए संसद भवन में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह 13 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस जमीन पर अभी पार्क, अस्थायी निर्माण और पार्किंग है।

नए सदन को 900 सांसदों के लायक बनाया जाएगा :

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लोकसभा की नई इमारत में सदन के अंदर 900 सीटें होंगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है, ताकि भविष्य में लोकसभा में सीटें बढ़ती हैं तो दिक्कत न हो। नए सदन में दो-दो सांसदों के लिए एक सीट होगी, जिसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर होगी। यानी एक सांसद को 60 सेमी की जगह मिलेगी। संयुक्त सत्र के दौरान इन्हीं दो सीटों पर तीन सांसद बैठ सकेंगे। यानी कुल 1350 सांसद बैठ सकेंगे।

राज्यसभा की नई इमारत में 400 सीटें होंगी। देश की विविधता दर्शाने के लिए संसद भवन की एक भी खिड़की किसी दूसरी खिड़की से मेल खाने वाली नहीं होगा। हर खिड़की अलग आकार और अंदाज की होगी।

विजय चौक से इंडिया गेट के बीच 10 इमारतें बनेंगी :

केंद्रीय सचिवालय के लिए विजय चौक से इंडिया गेट के बीच चार प्लॉट पर 10 आधुनिक इमारतें बनेंगी। इन्हीं इमारतों में केंद्र सरकार के सभी मंत्रालय होंगे, जबकि अभी केंद्र के 51 मंत्रालयों में से महज 22 मंत्रालय सेंट्रल विस्टा इलाके में हैं। तीन प्लॉट में तीन-तीन 8 मंजिला इमारतें और चौथे प्लॉट में एक इमारत के अलावा कन्वेंशन सेंटर होगा।

इमारतों की ऊंचाई इंडिया गेट से कम होगी। एक कन्वेंशन सेंटर भी बनेगा। इसमें 8000 लोगों की बैठक क्षमता होगी। इसमें सात हॉल होंगे। सबसे बड़े हॉल में 3500 लोग बैठ सकेंगे। 2000 की क्षमता का एक, 1000 की क्षमता के दो और 500 की क्षमता के तीन हॉल होंगे। सेंट्रल सेक्रेटेरिएट और उद्योग भवन से सभी इमारतों को जोडऩे के लिए अंडर ग्राउंड पब्लिक मूवर शटल्स होंगी।

नया पीएमओ बनेगा, पीछे ही प्रधानमंत्री का आवास होगा :

मौजूदा नॉर्थ ब्लॉक के पीछे उपराष्ट्रपति आवास बनेगा, जो वहां के मौजूदा अस्थाई निर्माणों को हटाकर 90 एकड़ में बनेगा। अभी उपराष्ट्रपति आवास लुटियंस जोन में ही है, लेकिन साउथ और नॉर्थ ब्लॉक से दूर है। साउथ ब्लॉक की मौजूदा इमारत के पीछे नया पीएमओ बनेगा। उसी के पीछे प्रधानमंत्री आवास बनेगा। अभी प्रधानमंत्री आवास 7 लोक कल्याण मार्ग पर है।

इस आवास को साउथ ब्लॉक के पास बनाने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि प्रधानमंत्री के अपने आवास से दफ्तर और संसद आने-जाने के लिए ट्रैफिक नहीं रोकना पड़ेगा। नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम बनेगा। दोनों इमारतों के दफ्तर सेंट्रल एवेन्यू की पहली दो इमारतों में शिफ्ट होंगे।

राष्ट्रीय अभिलेखागार इमारत के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी, बल्कि इस इलाके की सभी हैरिटेज इमारतों को वैसा ही रखा जाएगा। राष्ट्रपति भवन के पीछे नेशनल बायोडायवर्सिटी आर्बरीटम बनेगा। इसमें ग्लास हाउस बनाकर दुर्लभ पौधों को संरक्षित किया जाएगा। यमुना किनारे न्यू इंडिया गार्डन विकसित होगा।

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