मॉस्को। रूस की संसद ने मिखाइल वी. मिशुस्तिन को देश का नया प्रधानमंत्री चुना है। टैक्स विभाग के प्रमुख पद पर रह चुके मिशुस्तिन अब तक रूस की राजनीति में अनजान चेहरा थे। हालांकि, बुधवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने उनका नाम प्रधानमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था।

पुतिन ने बुधवार को ही रूस के संविधान में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने राष्ट्र के नाम संदेश में ऐलान किया था कि देश में राजनीतिक ताकतों का बंटवारा ज्यादा बेहतर तरीके से किया जाएगा। यह शक्तियां राष्ट्रपति से लेकर संसद, राज्य परिषद और अन्य सरकारी संस्थानों को भी दी जाएंगी। राष्ट्रपति पुतिन संविधान में बदलाव के ऐलान के बाद पीएम मेदवेदेव से मिले थे।

मिशुत्सिन रूस की फेडरल टैक्स सर्विस के प्रमुख रह चुके हैं। उन्हें अर्थव्यवस्था मामलों में काफी अनुभवी माना जाता है। रूस की संसद डुमा में गुरुवार को मिशुत्सिन को प्रधानमंत्री चुनने के लिए वोटिंग हुई। इसमें उनके पक्ष में 424 में से 383 वोट पड़े। कम्युनिस्ट पार्टी के 41 सांसद वोटिंग के दौरान गैरमौजूद रहे। पुतिन ने बाद में औपचारिक तौर पर मिशुत्सिन को प्रधानमंत्री बनाए जाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए।

पुतिन के ऐलान के बाद मेदवेदव ने प्रधानमंत्री पद छोड़ा था :

पुतिन के इस ऐलान के बाद उनके करीबी साथी दिमित्री मेदवेदेव और उनकी पूरी कैबिनेट ने सरकार से इस्तीफा दे दिया था। मेदवेदेव पुतिन के काफी भरोसेमंद साथी रहे हैं। 2008 में पुतिन को संवैधानिक वजहों से राष्ट्रपति पद छोडऩा पड़ा था (रूस में तब कोई व्यक्ति अधिकतम 2 बार राष्ट्रपति रह सकता था)। तब मेदवेदेव ने पुतिन के लिए प्रधानमंत्री पद छोड़ा और उन्हीं के कहने पर राष्ट्रपति बने।

2012 में मेदवेदेव सरकार ने कानून बदल कर राष्ट्रपति बनने की सीमा को खत्म कर दिया। इसी के साथ पुतिन राष्ट्रपति पद पर वापस लौटे थे। मेदवेदेव 1990 में राजनीति में उतरे थे, तब उन्होंने पुतिन के साथ काफी करीब से काम किया।

विशेषज्ञ क्या मानते हैं?

रूस की राजनीति की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि पुतिन 2024 में राष्ट्रपति पद का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सत्ता पर अपनी पकड़ बरकरार रखना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने संविधान में कुछ अहम बदलाव का फैसला किया।

अभी यह साफ नहीं है कि वो किस तरह के बदलाव करने वाले हैं। खास बात यह है कि मेदवेदेव के प्रधानमंत्री पद छोडऩे के बाद पुतिन ने उन्हें रूस सुरक्षा परिषद का डिप्टी चेयरमैन नियुक्त कर दिया। मेदवेदेव आने वाले समय में पुतिन के सलाहकार के तौर पर उनके साथ जुड़े रहेंगे।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।