वॉशिंगटन। अमेरिकी संसद के उच्च सदन- सीनेट में मंगलवार से राष्ट्रपति ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई होगी। इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जॉन रॉबट्र्स ने सांसदों को निष्पक्ष न्याय करने की शपथ दिलाई। इसके बाद सीनेट में रिपब्लिकन नेता मिच मैक्कॉनेल ने सुनवाई की तारीखों का ऐलान किया। सीनेट नेता चक ग्रासली ने सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस को पीठासीन अधिकारी की शपथ दिलाई।

राष्ट्रपति ट्रम्प पर शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप :

ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग की सुनवाई से पहले चीफ जस्टिस ने सांसदों को निष्पक्ष न्याय करने की शपथ दिलाई।

ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने दो डेमोक्रेट्स और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी। जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद की गरिमा को कमजोर किया। उन्होंने अपने पद की शपथ का भी उल्लंघन किया।

ट्रम्प ने राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरअंदाज किया : पेलोसी

इससे पहले संसद का निचले सदन- हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में बुधवार को स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सीनेट को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग के दो दस्तावेज सौंप दिए। उन्होंने इन दस्तावेजों पर खुद दस्तखत करने के बाद वहां मौजूद सांसदों को पेन बांटे। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए दुखद है कि राष्ट्रपति ने अपने पद की गोपनीयता का उल्लंघन किया और राष्ट्रीय सुरक्षा को नजरअंदाज कर चुनावी प्रक्रिया को खतरे में डाला।

दिसंबर 2019 को सदन में प्रस्ताव पास हुए थे :

पेलोसी ने पहली बार सितंबर 2019 में ट्रम्प पर देश को धोखा देने का आरोप लगाया था। 19 दिसंबर 2019 को उनके खिलाफ महाभियोग के लिए सदन में दो प्रस्ताव पेश किए गए थे। प्रस्तावों पर वोटिंग के दौरान डेमोक्रेट्स ने ट्रम्प के खिलाफ और रिपब्लिकन ने ट्रम्प के पक्ष में वोटिंग की। दोनों प्रस्ताव के पक्ष में 230 और विपक्ष में 197 वोट पड़े थे।

उन्होंने दो डेमोक्रेट्स और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी।

अमेरिका में राष्ट्रपति के खिलाफ अभियोग के मामले :

1868 में अमेरिकी राष्ट्रपति एंड्रयू जॉनसन के खिलाफ अपराध और दुराचार के आरोपों पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव पास हुआ। उनके खिलाफ संसद में आरोपों के 11 आर्टिकल्स पेश किए गए। हालांकि, सीनेट में वोटिंग के दौरान जॉनसन के पक्ष में वोटिंग हुई और वे राष्ट्रपति पद से हटने से बच गए।

1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस में इंटर्न रही मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीडऩ के आरोप लगाए थे। उन्हें पद से हटाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सीनेट में बहुमत नहीं मिल पाया। वॉटरगेट स्कैंडल में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होने वाली थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने एक विरोधी की जासूसी का आरोप लगा था।

 

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