इस्लामाबाद। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बौखलाए और डरा पाकिस्तान अब एक नई साजिश रचने में जुट गया है। भारतीय सेना और शीर्ष नेताओं की ओर से बार-बारपाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को वापस लेने की बात पर भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान घबराए हुए हैं।

लिहाजा भारत कोई कदम उठाए उससे पहले ही इमरान ने एक नई साजिश रचने की कवायद शुरू कर दी है। दरअसल, पाकिस्तान की आर्थिक हालात बहुत ही खराब है और इससे उबारने के लिए इमरान खान लगातार कोशिश भी कर रहे हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। इसके लिए अब इमरान खान ने कई देशों से कर्ज लिया है।

इसमें चीन सबसे बड़ा कर्जदार है।इसके अलावा चीन के शिनजियांग प्रांत को ग्वादर बंदरगाह से जोड़ने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के कर्ज का बोझ भी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था के लिए भारी साबित होने लगा है। लिहाजा, कर्ज के बोझ तले दबते जा रहे पाकिस्तान अब इसकी भरपाई के लिए एक अलग पैंतरा अपनाने की जुगत में है।

 

 

विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान लागातर गिरती अर्थव्यवस्था को उबारने और कर्ज को चुकाने के लिए अपनी PoK का कुछ हिस्सा चीन को सौंप सकता है। यदि ऐसा होता है तो भारत के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा।

The European Times की रिपोर्ट के मुताबिक, अब यदि पाकिस्तान एक बार फिर से PoK का कुछ हिस्सा चीन को सौंपता है तो चीन को डर है कि भारत की तरफ से कड़ा प्रतिरोध किया जाएगा।

बता दें कि पाकिस्तान CPEC के लिए चीन से दिसंबर 2019 तक करीब 21.7 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है। इसमें से 15 अरब डॉलर का कर्ज चीनी सरकार और शेष 6.7 अरब डॉलर का कर्ज वहां के वित्तीय संस्थानों ने दिया है। अब जब समय सीमा पूरा हो रहा है तो यह कर्ज चुकाना पाकिस्तान के लिए सरदर्द बनता जा रहा है।

पाकिस्तान के पास केवल 10 अरब डॉलर का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा है। ऐसे में अब पाकिस्तान के लिए सवाल है कि ये कर्ज कैसे चुकाएगा।

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