टीआरपी डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) ने बुधवार को मानवरहित अंतरिक्ष मिशन गगनयान में भेजी जाने वाली ह्यूमनॉइड व्योममित्रा का वीडियो जारी किया। इसरो के वैज्ञानिक सैम दयाल ने कहा कि यह ह्यूमनॉइड मानव की तरह व्यवहार करने का प्रयास करेगी और हमें वापस रिपोर्ट करेगी। हम ऐसा प्रयोग के तौर पर कर रहे हैं। 1984 में राकेश शर्मा रूस के अंतरिक्ष यान में बैठकर अंतरिक्ष गए थे। इस बार भारतीय एस्ट्रोनॉट्स भारत के अंतरिक्ष यान में बैठ कर स्पेस में जाएंगे।

दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे ह्यूमनॉइड :

इसरो चीफ सिवन ने कहा- गगनयान के अंतिम मिशन से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में अंतरिक्ष में मानव जैसे रोबोट भेजे जाएंगे। यह इंसान जैसे दिखने वाले ह्यूमनॉइड रोबोट होंगे। अन्य देश ऐसे मिशन से पहले अंतरिक्ष में पशुओं को भेज चुके हैं। ह्यूमेनॉइड शरीर के तापमान और धड़कन संबंधी टेस्ट करेंगे। सिवन ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए जनवरी के अंत में ही 4 चुने हुए एस्ट्रोनॉट्स ट्रेनिंग के लिए रूस भेजे जाएंगे।

सिवन ने कहा कि गगनयान मिशन सिर्फ इंसान को अंतरिक्ष में भेजने का मिशन नहीं है। यह मिशन हमें आगे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग जुटाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, “हम जानते हैं कि वैज्ञानिक खोज, आर्थिक विकास, शिक्षा, तकनीकी विकास और युवाओं को प्रेरणा देना सभी देशों का लक्ष्य है। किसी भारतीय द्वारा अंतरिक्ष की यात्रा इन सभी प्रेरणाओं के लिए सबसे बेहतरीन प्लेटफॉर्म है।”

गगन यान मानव मिशन में 3 क्रू मेंबर होंगे :

 

2022 में इसरो मानव मिशन गगन यान लॉन्च करेगा। इसमें 3 क्रू मेंबर शामिल होंगे। इस मिशन में इसरो किसी महिला को नहीं भेज रहा है। ऐसे में मानव मिशन से पहले मानव रहित मिशन के लिए इसरो ने महिला की शक्ल वाला ह्यूमनॉइड तैयार किया है, जिसे व्योममित्रा नाम दिया गया है। इसरो के चेयरमैन के सिवन ने कुछ न्यूज वेबसाइट्स के चर्चा में कहा- ह्यूमनॉइड करीब-करीब पूरी तरह से तैयार है। हम चाहते हैं कि हमारी क्षमताओं को दिखाने के साथ-साथ यह मिशन अपना मकसद पूरा करे। मानव मिशन पर भेजें जाएं और उन्हें सुरक्षित वापस लाया जाए।

 

 

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