वॉशिंगटन। गर्भवती महिलाओं को अमेरिका आने से रोकने की प्लानिंग पहले से चल रही थी, अब ट्रंप प्रशासन ने इसे अमलीजामा पहना दिया है। अमेरिकी सरकार ने ऐलान कर दिया है कि दूसरे मुल्कों से आने वालीं गर्भवती महिलाओं को टेंपररी विजिटर (बी-1/बी-2) वीजा नहीं दिया जाएगा।

अमेरिका में ‘बर्थ टूरिजम’ पर रोक लगाने के लिए ये पाबंदियां लगाई गई हैं। इसके तहत ऐसी महिलाएं जो बच्चों को जन्म देने के लिए अमेरिका आना चाहती थीं ताकि उनके बच्चों को अमेरिकी पासपोर्ट मिल जाए, अब नहीं आ पाएंगी।

ट्रंप प्रशासन का कहना है कि नए नियमों का संबंध हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से भी है और इसमें ‘बर्थ टूरिजम’ के जरिए आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाना भी शामिल है।

टूरिस्ट वीजा पर यात्रा करना बेहद कठिन

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नए नियम से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए टूरिस्ट वीजा पर यात्रा करना बेहद कठिन होगा। कानून के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को वीजा हासिल करने के लिए ‘काउंसलर ऑफिसर’ को समझाना होगा कि अमेरिका आने के लिए उनके पास कोई और भी वाजिब अहम वजह है।

ट्रंप प्रशासन शुरुआत से ही इमीग्रेशन के सभी प्रारूपों पर बंदिश लगा रहा है, खासकर राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ‘जन्मजात नागरिकता’ के मुद्दे पर कड़ा रूख अपनाया है। इसके तहत गैर अमेरिकी नागरिकों के बच्चों को अमेरिका में जन्म लेने के साथ मिलने वाली नागरिकता के अधिकार को खत्म करना है।

रूस और चीन जैसे देशों से कई महिलाएं बच्चे को जन्म देने के लिए अमेरिका आती हैं।

‘बर्थ टूरिजम’ के लिए देने पड़ते हैं 80,000 डॉलर

बता दें कि अभी तक ‘बर्थ टूरिजम’ अमेरिका और विदेशों में काफी फल-फूल रहा है। अमेरिकी कंपनियां इसके लिए विज्ञापन भी देती हैं और होटल के कमरे और चिकित्सा सुविधा आदि के लिए 80,000 डॉलर तक वसूलती हैं।

अमेरिका के पास इस तरह का डेटा नहीं है कि हर साल कितनी विदेशी प्रेगनेंट महिलाएं अमेरिका में बच्चों को जन्म देने आती हैं। लेकिन कड़े इमीग्रेशन नियमों के समर्थक ग्रुप सेंटर फॉर इमीग्रेशन स्टडीज का अनुमान है कि 2012 में करीब 36 हजार विदेशी महिलाएं बच्चों को जन्म देने अमेरिका आईं और फिर वापस चली गईं।

 

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