0 गणतंत्र दिवस पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने लाखों दर्शकों का मन मोहा
0 ब्राजील के राष्ट्रपति सहित लाखों दर्शकों ने तालियों की गडग़ड़ाहट से छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को सराहा
रायपुर। गणंतत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने छत्तीसगढ़ की समद्ध कला एवं संस्कृति की मधुर छटा बिखेर दी। छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के पारंपारिक शिल्प और आभूषण को प्रदर्शित किया गया है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर ब्राजील के राष्ट्रपति श्री जायर मेसियस बोल्सनारो, भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य गणमान्य अतिथियों ने तालिया बजाकर छत्तीसगढ़ की झांकी की सराहना की।
राजपथ पर उपस्थित लाखों दर्शकों ने भी छत्तीसगढ़ के झांकी की तालियों की गडग़ड़ाहट के साथ सराहना की। छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के लोकजीवन के विशाल फलक को संक्षेप में प्रस्तुत करती है।
इस झांकी में जनजातीय समाज की शिल्पकला के माध्यम से उनके सौंदर्य-बोध को रेखांकित किया गया है। आभूषणों से लेकर तरह-तरह की प्रतिमाओं और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं तक इस शिल्पकला का विस्तार देखा जा सकता है।
झांकी के ठीक सामने वाले हिस्से में नंदी की प्रतिमा है, जिसे शिल्पकार ने बेलमेटल से तैयार किया है। यह ढोकरा-शिल्प का बेहतरीन नमूना है। अत्यंत सुंदरता के साथ अलंकृत यह प्रतिमा लोकजीवन के आध्यात्मिक पक्ष को तो सामने लाती ही है, पशु-पक्षियों के प्रति उनके अनुराग को भी प्रदर्शित करती है।
इसी शिल्प के निकट नृत्य-संगीत की कला परंपराओं को दर्शाया गया है। झांकी के मध्य में पारंपरिक आभूषणों से सुसज्जित आदिवासी युवती है, जो अपने भावी जीवन की कल्पना में खोई हुई है।
झांकी के आखिर में धान की कोठी है, ढोकरा शिल्पी ने इस पर अपनी शुभकामनाओं का अलंकरण किया है। निकट ही लौह शिल्प में नाविकों के माध्यम से सुख के सतत प्रवाह और जीवन की निरंतरता को दर्शाया गया है।
दूरदर्शन ने अपने ट्विटर हेण्डल पर लिखा कि गणतंत्र दिवस पर छत्तीसगढ़ की झांकी ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। प्रेस इन्फरमेशन ब्यूरो ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ की रंगबिरंगी झांकी ने समृद्ध संस्कृति और परम्परा प्रदर्शित की है।
एनडीटीवी ने लिखा है कि राज्य के लोक जीवन के सौंदर्य को कलात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है। छत्तीसगढ़ की आकर्षक झांकी का उल्लेख द ट्रिव्यून, द पायोनियर, द टाइम्स आफ इंडिया, द हिन्दुस्तान टाईम्स ने भी अपने ट्विटर हैण्डल पर किया है।
द फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने इसे कलात्मक प्रस्तुति बताया है। सोशल मीडिया में झांकी के फोटो और वीडियो साझा किए। अनेक दर्शकों ने अपने टिवटर हेण्डल पर इसकी जबरदस्त सराहना की।
यह झांकी छत्तीसगढ़ जनसम्पर्क विभाग के द्वारा बनायी गई है। इस झांकी के निर्माण के लिए पिछले दो माह से तैयारी की जा रही थी। कई प्रस्तावों पर विचार करने के बार इस झांकी का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के लोक जीवन के विशाल फलक को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। झांकी के अगले हिस्से में नंदी की प्रतिमा बनायी गई है। यह प्रतिमा बेल मेेटल से बनी है।
बेल मेटल शिल्प छत्तीसगढ़ के प्रमुख शिल्प में शामिल है। यह ढोकरा शिल्प का बेहतरीन नमूना है। छत्तीसगढ़ के गहनों में भी यहां के जीवन की सरलता और सहजता की झलक मिलती है।
प्रस्तुत की गई झांकी में आदिवासी युवती पारंपरिक गहनों से सजी धजी है। यहां के गहनों में एक अलग लावण्य भी दिख रहा है। आखरी हिस्से में धान की कोठी बनाई गई है।
उल्लेखनीय है कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के रूप में जाना जाता है। झांकी के साथ अबूझमाड़ के जनजाति लोक कलाकारों द्वारा ककसाड़ नृृत्य की भी आकर्षक प्रस्तुति दी गई।
And this colorful procession is a display of rich culture and traditions of #Chhattisgarh, #Tamilnadu and #Rajasthan #RepublicDay #RepublicDay2020 pic.twitter.com/qdDqCbicyU
— PIB India (@PIB_India) January 26, 2020
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