एनसीए को बदलकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की तैयारी, बनाई जाएंगी 4 तरह की पिच

मुंबई/बेंगलुरु। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की नैशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) को बदलकर नया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) बनाने की योजना है, जिसकी लागत लगभग 500 करोड़ रुपये हो सकती है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में 1-2 साल लग सकते हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि परियोजना के लिए कोई विशेष राशि नहीं दी जा सकती है। हर काम के लिए टेंडर जारी किए जाएंगे, लेकिन शुरुआती ब्लूप्रिंट के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि परियोजना की लागत लगभग 500 करोड़ रुपए होगी।

bcci के लिए इमेज परिणाम

उन्होंने बताया कि इस परियोजना में छह महीने की देरी है, लेकिन बीसीसीआई की नई टीम के साथ काम जोरों पर शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि बोर्ड को उम्मीद है कि यह सेंटर 1-2 साल में शुरू हो जाएगा। एनसीए के निदेशक राहुल द्रविड़ इसमें सक्रिय रूप से शामिल हैं।

4 तरह के ग्राउंड

मेडिकल इंस्टीट्यूट्स के साथ संबंध स्थापित कर स्पोट्र्स मेडिसिन में संशोधन के अलावा, इस सेंटर में पिचों के साथ चार पूरे ग्राउंड बनाए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि पिचों को लेकर बहुत सारा काम होना है। इन पिचों के लिए अलग-अलग प्रकार की मिट्टी का उपयोग किया जाएगा जिससे ये ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसे देशों की नकल लगे।

दूसरे मैच खेलने के लिए भी इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू प्रतियोगिताओं के अलावा भी मैदान का उपयोग मैचों के लिए किया जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि कुछ जोनल मैच होते हैं। दौरा करने वाली टीमें वॉर्मअप मैच खेलती हैं और बोर्ड द्वारा आयोजित अन्य प्रैक्टिस मैचों भी होते हैं। अगर कोई मैदान उपलब्ध नहीं है तो इन मैदानों का इस्तेमाल घरेलू टूर्नमेंट के लिए भी किया जा सकता है। एक एनसीए की टीम रखने का भी विचार है।

एआई पर भी विचार

एनसीए पहले से ही लंदन के एक प्रमुख मेडिकल क्लिनिक के साथ जुडऩे की चर्चा में है। ऐसे में जानकारी है कि बोर्ड आर्टिफिशन इंटेलिजेंस के बारे में भी विचार कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि बोर्ड को पहले से ही ऐथलीट मॉनिटर सिस्टम और बायोमकैनिकल बोलिंग कोच मिल गए हैं।

दोगुना हुआ बजट

केंद्रीय अनुबंधित खिलाडिय़ों की बड़ी सर्जरी के अलावा बीसीसीआई का चिकित्सा व्यय पिछले तीन साल में लगभग दोगुना हो गया है। बोर्ड का प्रति खिलाड़ी बजट भी तीन साल पहले की तुलना में दोगुना हो गया है। एनसीए के बजट में 2017-18 की तुलना में लगभग तीन गुना की वृद्धि देखी गई है। इस बीच, कार्यभार और चोट प्रबंधन अहम होता जा रहा है जिस मांग को पूरा करने के लिए एनसीए भी लड़ रही है। एनसीए ने पिछले साल सभी रजिस्टर्ड घरेलू खिलाडिय़ों के लिए अपने दरवाजे खोले थे और कर्मचारी इसके लिए लगातार काम कर रहे हैं।

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।