तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोड़से और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा एक ही है। इसमें कोई अंतर नहीं है।

मोदी में हिम्मत नहीं है कि वे कह सकें कि उनका गोड़से में यकीन है। सभा से पहले राहुल ने वायनाड के कलपेटा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ 2 किमी का ‘संविधान बचाओ’ मार्च भी निकाला।

केरल के कलपेटा में एक रैली में उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को भारतीयता साबित करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मोदी यह फैसला लेने वाले कौन होते हैं कि मैं एक भारतीय हूं? उन्हें यह लाइसेंस किसने दिया कि वह निर्णय लें कि कौन भारतीय है और कौन नहीं? मैं जानता हूं कि मैं भारतीय हूं और यह मुझे किसी को साबित करने की जरूरत नहीं है।

मोदी को सिर्फ खुद से प्यार :

राहुल ने कहा कि नाथूराम गोड़से ने महात्मा गांधी को मारा था, क्योंकि वह किसी में भी विश्वास नहीं करता था। वह किसी से प्यार नहीं करता था। उसे किसी की परवाह नहीं थी। इसी तरह हमारे प्रधानमंत्री भी हैं। वे सिर्फ खुद से प्यार और खुद पर ही भरोसा करते हैं।

उन्होंने कहा कि जब भी आप नरेंद्र मोदी से बेरोजगारी और नौकरियों के बारे में पूछते हैं तो वे आपका ध्यान भटकाते हैं। एनआरसी, सीएए और असम को जलाने से नौकरियां नहीं मिलेंगी। न ही कश्मीर में अस्थिरता कम होगी।

राहुल गांधी ने कहा था कि कुणाल पर पाबंदी लगाना एक डरपोक आदमी का काम :

राहुल गांधी ने इससे पहले बुधवार को स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के समर्थन में आ गए थे। उन्होंने ट्वीट किया था कि कुणाल कामरा पर चार एयरलाइंस के जरिए पाबंदी लगाना, एक डरपोक आदमी का काम है, जो सरकार में अपनी पैठ का इस्तेमाल करके एक आलोचक को चुप कराना चाहता है।

जो लोग अपने न्यूज कैमरे को 24 घंटे प्रचार के लिए इस्तेमाल करते हैं, जब उनकी तरफ कैमरे का रुख किया जाता है तो उन्हें भी रीढ़ जैसी मजबूती दिखानी चाहिए।

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