टीआरपी डेस्क। इस बजट में वित्त मंत्री ने नए पर्सनल इनकम टैक्स रेट और सिस्टम का ऐलान किया। नए सिस्टम में टैक्स स्लैब और रेट्स में बदलाव किए गए हैं, हालांकि इसमें किसी तरह की छूट का प्रावधान नहीं है। टैक्सपेयर्स इसके लिए आजाद है कि वह पुराना या नया टैक्स सिस्टम चुने।

अगर कोई टैक्सपेयर नए सिस्टम को चुनता है तो कई तरह के छूट का फायदा नहीं उठा सकता है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि क्या-क्या छूट इसमें शामिल नहीं हैं, और छूट की यह कुल राशि कितनी होती है।

 

स्टैंडर्ड डिडक्शन

नए सिस्टम में स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं उठाया जा सकता है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत सैलरीड क्लास को 40 हजार रुपये पर टैक्स नहीं लगता है।

 सेक्शन 80C

सेक्शन 80सी के तहत 1.5 लाख तक निवेश टैक्स फ्री होता है। अब इसका भी फायदा नहीं उठाया जा सकता है। इस सेक्शन के तहत इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम, PPF, ELSS, SCSS, NSC में निवेश, स्टॉम्प ड्यूटी, सुकन्या समृद्धि योजना, पांच साल के बैंक डिपॉजिट और होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट री-पेमेंट शामिल हैं।

 सेक्शन 80D

मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम टैक्स के दायरे में नहीं आता है और इस पर सेक्शन 80डी के तहत छूट मिलती है। यह छूट 80सी की 1.5 लाख की सीमा से अलग है। इस सेक्शन के तहत 50 हजार रुपये छूट का फायदा उठाया जा सकता है।

होम लोन इंट्रेस्ट (सेक्शन 24)

सेक्शन 24 के तहत होम लोन के इंट्रेस्ट पेमेंट पर 2 लाख रुपये तक सालान छूट मिलती है।

इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस (HRA)और लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) पर भी छूट मिलती है।

क्या है यह नया टैक्स स्लैब

1. 5 लाख से 7.5 लाख तक की आमदनी पर 10% टैक्स देना होगा। पहले 20% टैक्स लागू था।
2. 7.5 लाख से 10 लाख तक की आमदनी पर 15% की दर से टैक्स देना होगा। पहले 20% की दर से टैक्स लगता था।
3. 10 लाख से 12.5 लाख तक की आमदनी पर 20% से टैक्स लगेगा। पहले 30% से टैक्स वसूला जाता था।
4. 12.5 लाख से 15 लाख तक 25% की दर से टैक्स लगेगा। पहले 30% की दर से लगता था।
5. 15 लाख रुपये से ऊपर की टैक्सेबल इनकम पर पहले की तरह ही 30% की दर से टैक्स लगता रहेगा।

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