श्रीनगर। दिल को दहला देने वाले पुलवामा हमले को आज एक साल हो गया है, लेकिन अब तक इस मामले में आरोपपत्र तक दायर नहीं किया जा सका है। साजिश को अंजाम देने वाले ज्यादातर सूत्रधार या तो ढेर हो चुके हैं या फिर पाकिस्तान में हैं। ऐसे में जिंदा सबूत की अभी तलाश है।
जांच एजेंसियों के पास आत्मघाती हमलावर आदिल का वीडियो है। जांच से जुड़ी एजेंसियों के मुताबिक फॉरेंसिक रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन हमले में इस्तेमाल उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक के सही नेचर और सोर्स का पता नहीं चल पाया है। इसकी वजह हमले के अगले दिन हुई बारिश में कई अहम सुराग धुलना बताया जा रहा है।
14 फरवरी 2019 को हुआ था हमला
श्रीनगर-जम्मू हाईवे पर 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जैश के आत्मघाती आतंकी आदिल अहमद डार ने CRPF जवानों के काफिले पर हमला किया था। आतंकी ने बस पर विस्फोटकों से भरी कार के साथ टक्कर मारी थी। इसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले में आदिल डार के भी परखच्चे उड़ गए थे।
90 दिन में आरोपपत्र दायर करना अनिवार्य
जांच एजेंसी को गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत 90 दिन के भीतर कोर्ट में आरोपपत्र दायर करना होता है। जांच से जुड़े अधिकारियों की मानें अगर आरोपी या संदिग्ध की मौत हो चुकी हो तो आरोपपत्र दायर करने की समय अवधि को बढ़ाया जा सकता है।
पठानकोट एयरबेस का हवाला देते हुए संबंधित अधिकारी कहते हैं कि वह हमला भी जैश ने करवाया था। दोनों की साजिश पाकिस्तान में ही रची गई थी। पठानकोट हमले में शामिल चारों आतंकी मारे गए थे और आरोपपत्र लगभग एक साल के बाद दायर किया। उसमें मसूद अजहर व उसके तीन अन्य साथियों को आरोपी बनाया है। ये सभी आतंकी पाकिस्तान में हैं।
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