प्रिंसिपल सेकरेटरी को दिए निर्देश, भुगतान पर लगी रोक दोषी अफसरों व सप्लायरों पर FIR दर्ज कराने के निर्देश :
रायपुर। वर्मी कंपोस्ट खरीदी में गड़बड़ी मामले में राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं। कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने प्रिंसिपल सिकरेट्री मनिंदर कौर द्विवेदी को निर्देश दिया है कि इस पूरे प्रकरण की जांच की जाये। आपको बता दें की टीआरपी ने इस मामले को प्रमुखता के साथ उठाया था।

जरूर पढ़ें यह मामला :
इस खबर के बाद ही कृषि विभाग में हड़कंप मच गया। साथ ही मंत्री रविंद्र चौबे ने सप्लायर के भुगतान को भी रोकने का आदेश दिया गया है। दरअसल तीन महीने पहले उद्यानिकी विभाग ने करोड़ों रुपये की वर्मी कंपोस्ट की खरीदी की थी। कमाल की बात ये रही कि कंपोस्ट जिस कीमत पर खरीदी गयी, वो ना सिर्फ मार्केट रेट से तीगुने-चौगुने रेट का था, बल्कि गुणवत्ताविहिन भी था।
कृषि विभाग के अंतर्गत आने वाले उद्यानिकी एवं बागवानी मिशन में यह खेल काफी दिनों से चल रहा था। मिशन में किसानों को केंचुआ खाद बनाने के लिए वर्मी बेड सप्लाई करने के नाम पर करीब 25 करोड़ रुपए के वारे-न्यारे किए गए। इतना ही नहीं इसमें खास बात यह है कि मिशन के अधिकारी कमिशन के लिए अपने पसंदीदा सप्लायर को ही किसानों को वर्मी बेड सप्लाई करने का जिम्मा दे रखा है। वहीं सप्लायर किसानों को बेहद घटिया वर्मी बेड सप्लाई कर रहे हैं, जिसमें केंचुआ खाद का निर्माण ही नहीं हो सकता।
टीआरपी ने सबसे पहले इस मामले का खुलासा किया। जिसकी शिकायत कृषि मंत्री तक भी पहुंची। खबर प्रकाशन के बाद ही उन्होंने इस मामले में एक्शन लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिये। उन्होंने नोटशीट भेजकर प्रकरण की जांच करने और सप्लायर के भुगतान को रोकने का निर्देश दिया है। साथ ही अधिकारियों की भूमिका की भी जांच के आदेश दिये हैं। इस प्रकरण में दोषी अधिकारी और सप्लायर पर FIR के भी निर्देश दिये गये हैं।
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें
Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।