कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष ने कहा- दिल्ली के हालात चिंताजनक है

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली में हुई हिंसा के लिए गृह मंत्री अमित शाह को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा- पिछले कुछ दिनों से हो रही हिंसा सोची-समझी तरीके से हो रही है। दिल्ली चुनाव के समय भी इसे देखा गया था।

भाजपा के नेताओं ने भड़काऊ बयान देकर इस हिंसा को भड़काया है। एक भाजपा नेता ने पिछले रविवार को भी पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए भड़काऊ भाषण दिया था। गृह मंत्री शाह को इस्तीफा देना चाहिए।

उन्होंने कहा- केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की समय पर कार्रवाई नहीं करने से 20 (अभी मृतकों की संख्या 22) लोगों की जान चली गई। एक पुलिसकर्मी की भी जान गई। कांग्रेस कार्यसमिति सभी पीड़ितों के परिवारों के साथ गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं।

पूरी स्थिति को देखते हुए कांग्रेस समिति का मानना है कि दिल्ली में मौजूदा स्थिति के लिए केंद्र सरकार खासतौर पर गृहमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। सोनिया ने कहा- दिल्ली सरकार भी शांति बनाए रखने में असफल साबित हुई। दोनों सरकारों की विफलता के कारण दिल्ली इस त्रासदी का शिकार हुई।

कांग्रेस की आपात बैठक हुई

इससे पहले सोनिया गांधी की अध्यक्षता में दिल्ली में हो रही हिंसा और जानमाल के नुकसान और हर रोज बिगड़ती व्यवस्था पर कांग्रेस की आपात बैठक हुई। इसके बाद मोदी सरकार को राजधर्म याद दिलाने के लिए प्रियंका गांधी के नेतृत्व में सभी नेता राष्ट्रपति भवन तक पैदल मार्च करने की योजना थी, जिसे बाद में बदल दिया गया।

पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आज मौजूद नहीं हैं। उन्होंने कल का समय दिया है। राष्ट्रपति के पद का सम्मान रखते हुए हमने पैदल मार्च को कल तक के लिए टाल दिया है।

इससे पहले मंगलवार देर रात तक चली पार्टी के क्विक एक्शन ग्रुप की बैठक में दिल्ली दंगों पर केंद्र सरकार की नाकामी को लेकर कड़ा रूख अपनाने का फैसला लिया गया।

कांग्रेस ने देश की ओर से ये सवाल पूछे

0 गृह मंत्री अब तक कहां थे और क्या कर रहे थे?
0 मुख्यमंत्री केजरीवाल अब तक कहां थे और क्या कर रहे थे?
0 अब तक क्या जानकारी ली गई और क्या कार्रवाई हुई?
0 दिल्ली के दंगावाले इलाकों में कितनी पुलिस बल लगाए गए?
0 दिल्ली में जब हालात बेकाबू हो गए थे, तब ऐसै में सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स क्यों नहीं बुलाईं गईं?

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