रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री कवासी लखमा ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से चुनाव होंगे तो कांग्रेस पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी। अगर ईवीएम से चुनाव होंगे तो कांग्रेस बड़ा आंदोलन करेगी।

बैलेट पेपर से चुनाव कराने की याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना के चलते बैलेट पेपर से वोटिंग कराए जाने की याचिका खारिज कर दिया गया है। न्यायाधीश विक्रमनाथ और न्यायाधीश पीबी वराले की पीठ ने मंगलवार को इस याचिका पर फैसला लेते हुए इसे खारिज कर दिया। याचिका डॉ. के ए पॉल ने लगाई थी।

जस्टिस विक्रमनाथ ने कहा कि जब चंद्रबाबू नायडू और जगन मोहन रेड्डी जैसे दिग्गज चुनाव हार जाते हैं तो ईवीएम से छेड़खानी की बात होती है। वहीं, जब वे चुनाव जीतते हैं तो यह सारी बातें भूल जाते हैं। जबकि ईवीएम ने बूथ कैप्चरिंग और फर्जी मतदान की समस्या का समाप्त कर दिया है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उपचुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से जब पर्ची निकलती है और बॉक्स में गिर जाती है। हमारी मांग है कि उस पर्ची को मतदाता के हाथ में दिया जाए, वह खुद बक्से में डाले और उन्हीं पर्चियों की गिनती की जाए। मुझे नहीं लगता कि इस पर निर्वाचन आयोग या सुप्रीम कोर्ट को इस पर कोई आपत्ति होगी।

बघेल ने कहा, आज ईवीएम से चुनाव हो रहे हैं, शाम 6 बजे तक वोटिंग होती है और आंकड़े जारी किए जाते हैं। दूसरे दिन वह आंकड़े बदल जाते हैं और तीसरे दिन भी आंकड़ों में बदलाव होता है, यह कैसे संभव है? जब बैलेट पेपर से चुनाव होता था, तब गिनती में समय लगता था और शाम तक लगभग यह पता चल जाता था कि कितनी वोटिंग हुई है। अधिकारी गिनती करते थे जिसमें गलती की गुंजाइश होती थी, दोबारा गिनती की अपील की जाती थी। जबकि आज मशीन गिनती करती है और उसमें भी गलतियां होती है तो फिर यह कैसा चुनाव हुआ।

इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने भूपेश बघेल के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि जनता आप पर विश्वास नहीं करती और आप ईवीएम पर विश्वास नहीं करते। कहीं न कहीं राजनीति में लोकतंत्र में जनता का विश्वास जरूरी है। आप पर जनता ही विश्वास नहीं करती, नीति और नियत ठीक कीजिए। 2018 में आप इसी ईवीएम के जरिए गद्दी पर बैठे थे। जमकर लूटा, जमकर खसोटा, जेल के अंदर है कुछ और कुछ की जेल जाने की तैयारी है, जमानत तक नहीं हो रही है। ईवीएम पर दोष देना है तो वायनाड में दो, झारखंड में मुक्ति मोर्चा के साथ आप सरकार बना रहे हो तब ईवीएम पर सवाल नहीं उठता। जनता से नजदीकी बनाइए, उनका विश्वास जीतिए क्योंकि उन्होंने आपको ठुकरा दिया है।