भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव के बाद से पार्टी से असंतुष्ट चल रहे कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस्तीफा दे दिया है। सोमवार देर रात हुई कैबिनेट की बैठक में 18 मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

मंगलवार की ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुबह पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भेंट के बाद सार्वजनिक किया। मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच वह सुबह साढ़े 10 बजे मोदी-शाह से मिले थे। पीएमओ में तीनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी। हालांकि, तीनों में किन चीजों पर बात हुई, ये साफ नहीं है।

दिल्ली स्थित आवास से निकले सिंधिया गृह मंत्री अमित शाह की गाड़ी में बैठकर पीएम से मिलने पहुंचे थे। बैठक के बाद वह शाह की गाड़ी से ही वापस लौटे। शाम को वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

दिल्ली में सिंधिया ने की सचिन पायलट से मुलाकात

ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी दिल्ली में हैं। वे आधे घंटे के लिए अपने आवास से अकेले बाहर निकले थे। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की। कमलनाथ के मंत्रियों इस्तीफे के बाद राहुल गांधी रात 12 बजे सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि मध्य प्रदेश में सरकार का संकट टालने के लिए सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सकता है। कमलनाथ ने भी मंगलवार शाम 5 बजे विधायकों की बैठक बुलाई है।

शाह ने सोमवार देर रात शिवराज-तोमर के साथ बैठक की

तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली स्थित आवास पर भाजपा नेताओं शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की। मंगलवार को भोपाल में भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। कहा जा रहा है कि इस बैठक में शिवराज को गोपाल भार्गव की जगह विधायक दल का नेता चुना जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा 16 मार्च से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है।

राज्यपाल लालजी टंडन ने छुट्टियां कैंसिल कीं

मध्य प्रदेश के सियासी हालात को देखते हुए राज्यपाल लालजी टंडन ने छुट्टियां कैंसिल कर दी हैं। वे मंगलवार को भोपाल लौट रहे हैं। वे 5 दिन के लिए लखनऊ गए हुए थे।

बेंगलुरु में ये मंत्री- और विधायक

राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, श्रम मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, महिला बाल विकास इमरती देवी, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी। वहीं इनके साथ राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, मुन्नालाल गोयल, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिर्राज दंडोतिया, कमलेश जाटव, रक्षा संतराम सरौनिया, जसवंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह जज्जी, बृजेंद्र सिंह यादव और बीते सप्ताह भर से बेंगलुरु में जमे विधायक रघुराज सिंह कंसाना।

मध्य प्रदेश में 26 मार्च को राज्यसभा की 3 सीटों का चुनाव

26 मार्च को मध्य प्रदेश में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है। किसी भी पार्टी के प्रत्याशी को जीतने के लिए 58 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। कांग्रेस के पास अपने 114 विधायकों के अलावा सपा-बसपा और निर्दलियों समेत 121 विधायक हैं। ऐसे में कांग्रेस को दो सीट मिल सकती हैं। 107 सीट वाली भाजपा का एक सीट पर जीतना तय है। भाजपा दो सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर रही है। वोटिंग होना तय है, जिसमें कुछ विधायकों की क्रॉस वोटिंग से दोनों पार्टियों का खेल बन या बिगड़ सकता है।

पिछले महीने बढ़ी कमलनाथ और सिंधिया के बीच तल्खी

कमलनाथ और सिंधिया के बीच फरवरी में वचनपत्र को लेकर सिंधिया के बयान के बाद तकरार बढ़ गई थी। जब सिंधिया ने कहा था कि वचन पत्र के वादे पूरे नहीं हुए तो सड़कों पर उतरूंगा। इस बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था- उतर जाएं…। उस वक्त भी मुख्यमंत्री कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले थे। बताया जा रहा था कि कमलनाथ ने सरकार पर सिंधिया के हमलों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी।

मध्य प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति

कुल सीटें: 230
वर्तमान सदस्य संख्या: 228
बहुमत के लिए जरूरी: 114 (विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर)
कांग्रेस+: 120
भाजपा: 107

सिंधिया समर्थक 18 विधायकों को हटाने पर स्थिति
कांग्रेस+: 102
भाजपा: 107

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